स्वर्गीय कल्याण सिंह: पिछड़ों के नेता हिंदू हृदय सम्राट, बीजेपी को हराने हेतु मुलायम से मिलाया था हाथ!

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह नहीं रहे। उन्होंने 89 साल की उम्र में लखनऊ के SGPGI में आखिरी सांस ली। कल्याण सिंह 48 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। सीएम योगी ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया। सोमवार को प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहेगा। सोमवार को ही अलीगढ़ में कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार होगा।

कल्याण सिंह के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सभी दलों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने लिखा, दुख की इस घड़ी में मेरे पास शब्द नहीं हैं। कल्याण सिंह जी राजनेता, अनुभवी प्रशासक, जमीनी स्तर के नेता और महान इंसान थे। वो जमीन से जुड़े बड़े राजनेता और कुशल प्रशासक होने के साथ-साथ एक महान व्यक्तित्व के स्वामी थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका योगदान अमिट है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति!

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हम सब के लिए यह दुखद समाचार है राष्ट्रहित के अपने संकल्पों के लिए भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए बहुमत की सरकार का बलिदान करने वाले महान नेता हमारे बीच नहीं रहेl

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कल्याण सिंह जी का निधन हृदय विदारक! दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिवार को दुख सहने की शक्ति दे भगवान।

बसपा सुप्रीमों मायावती ने ट्वीट कर कल्याण सिंह के निधन पर दु:ख व्यक्त किया। लिखा, ‘भाजपा के कद्दावर नेता व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल रहे श्री कल्याण सिंह के निधन की खबर अति-दुःखद। उनके परिवार व समर्थकों आदि के प्रति मेरी गहरी संवेदना।

कल्याण सिंह यूपी में भाजपा के पहले सीएम ही नहीं थे उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा की जड़ें मजबूत करने में बड़ा योगदान दिया था। उन्होंने पहली बार सीएम बनने के बाद मंत्रिमंडल के साथ सीधे अयोध्या में जाकर राम मंदिर बनाने की शपथ ली थी। 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के दौरान कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दी थी। जिसके चलते उन्होंने अपनी बहुमत की सरकार का बलिदान दे दिया था जबकि कई वर्षों का कार्यकाल शेष था।

इनका जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के अतरौली तहसील के मढ़ौली गांव में हुआ था। भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार होने वाले कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल भी रहे।

वह भाजपा के यूपी में पहले सीएम भी थे। पहले कार्यकाल में 24 जून 1991 से 6 दिसम्बर 1992 तक और दूसरी बार 21 सितंबर 1997 से 21 फरवरी 1998 तक CM रहे। दरअसल 21 फरवरी 1998 को जगदंबिका पाल ने उनके साथ विश्वासघात किया था और कांग्रेसी राज्यपाल रोमेश भंडारी के षड्यंत्र से कल्याण सिंह को अचानक बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को अवैध घोषित करते हुए अगले ही दिन पुनः कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनने के रास्ते को प्रशस्त कर दिया , अगले दिन 22 फरवरी 1998 को वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने और 12 नवंबर 1999 तक इस पद पर रहे।

कल्याण सिंह 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन के नायक बन गए। जब 30 अक्टूबर, 1990 को जब मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलवा दी थी। बड़ी संख्या में हिंदू आंदोलनकारियों की पुलिस फायरिंग में मौत हुई और इससे कल्याण सिंह को बहुत दुख पहुंचा और उन्होंने बड़े आंदोलन का ऐलान कर दिया।
कल्याण सिंह ने मुलायम सिंह को चेतावनी दी और जनता के बीच जोरदार आंदोलन करके राम मंदिर बनाने का ऐलान किया उन्होंने , एक साल के अंदर ही भाजपा को उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया कि पार्टी ने 1991 में अपने दम पर यूपी में सरकार बना ली। इसके बाद कल्याण सिंह यूपी में भाजपा के पहले सीएम बने।

सीबीआई ने कोर्ट में दायर आरोप पत्र में यह कहा था कि सीएम बनने के बाद ही कल्याण सिंह पूरे मंत्रिमंडल के साथ अयोध्या गए थे और उन्हें राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया था।

6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के दौरान कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने की अनुमति नहीं दी थी। ढांचा गिराए जाने के बाद कल्याण ने इस्तीफा सौंप दिया था।
कल्याण सिंह ने उस समय कहा था कि ये सरकार राम मंदिर के नाम पर बनी थी और उसका मकसद पूरा हुआ। ऐसे में सरकार राममंदिर के नाम पर कुर्बान हुई।

अपने राजनैतिक जीवन में कल्याण सिंह ने पहली बार 1999 और दूसरी बार 2004 में बार भारतीय जनता पार्टी को नाराजगी में अलविदा भी कहा मुलायम सिंह यादव से उनकी राजनीतिक दुश्मनी और दोस्ती दोनों रही। जब उन्होंने भाजपा छोड़ी तो वह मुलायम के नजदीक रहे और मुलायम के सहयोग से उन्होंने लोकसभा का चुनाव भी जीता समाजवादी पार्टी का साथ पकड़ कर उन्होंने बीजेपी को काफी नुकसान भी पहुंचाया। कहा जाता है कि अटल जी से मतभेद के चलते उन्होंने भाजपा छोड़ी थी लेकिन फिर अटल जी के प्रयासों से ही वह वापस आ गए।

कल्याण सिंह एक साहसी और स्वाभिमानी नेता थे उन्होंने जातियों में बटे हिंदू समाज को एकजुट किया पिछड़े समाज की लोध जाति से जुड़े होने के बावजूद संपूर्ण हिंदू समाज खासतौर पर ब्राह्मण और क्षत्रिय भी उनका बहुत सम्मान करते थे, और इसीलिए संपूर्ण हिंदू समाज ने उन्हें हिंदू हृदय सम्राट का दर्जा दिया।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *