साहस का दूसरा नाम थे प्रदीप, गंभीर बीमारी से जूझते हुए जीता था बार अध्यक्ष का चुनाव!

दीपक मिश्रा
द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी।

जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप सिंह न केवल एक अनुभवी अधिवक्ता के रूप में ख्यातिप्राप्त थे, बल्कि अपने साहस और जुझारूपन के लिए भी व्यापक रूप से सम्मानित थे। तीन वर्ष पूर्व, जब वे लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, उसी दौरान उन्होंने जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का साहसिक निर्णय लिया था।


दिल्ली में लंबा इलाज कराने के बाद वे सीधे बाराबंकी पहुंचे और बिना किसी हिचकिचाहट के चुनावी मैदान में उतर पड़े। उस समय उनका स्वास्थ्य पूरी तरह सामान्य नहीं था, किंतु अडिग इच्छाशक्ति और आत्मबल के दम पर उन्होंने सशक्त रणनीति बनाई। लम्बी अनुपस्थिति के बावजूद, अपने मिलनसार स्वभाव और संतुलित व्यवहार से अधिकांश अधिवक्ताओं का समर्थन अर्जित कर उन्होंने शानदार जीत दर्ज की।


प्रदीप सिंह न केवल मृदुभाषी और सहयोगी स्वभाव के धनी थे, बल्कि वे अपनी बेबाकी और स्पष्टवादिता के लिए भी जाने जाते थे। अधिवक्ता हितों की रक्षा के लिए वे सदैव तत्पर रहते थे और साथ ही समाज के हर वर्ग की सहायता को स्वयं को समर्पित कर चुके थे।


उनके असामयिक निधन की खबर से पूरा अधिवक्ता समुदाय और समाज का हर वर्ग शोकाकुल है। जिला बार एसोसिएशन के सभी वर्तमान व पूर्व पदाधिकारी, वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्ता गणों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। वहीं समाज के विभिन्न वर्गों और राजनीतिक दलों के लोगों ने उनके अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रदीप सिंह अपने पीछे साहस, संघर्ष और सेवा की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो आने वाले अधिवक्ता समुदाय को सदैव प्रेरणा देती रहेगी।

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