जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंवादी हमले की जांच कर रही एजेंसी ने पाया है कि हमले में प्रयोग किया गया आरडीएक्स पाकिस्तान से लाया गया था। जांच में ये भी पता चला है कि पाकिस्तान में बैठा आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से ट्रेंड आतंकियों को भारत में दाखिल कराया था। ये विस्फोटक भारत में नेपाल के रास्ते से लाया गया था। खबर यह भी है कि नेपाल के रास्ते घातक हथियारों और आरडीएक्स जैसे विस्फोटकों की बड़ी खेप भारत में लाया गया था।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की आईएसआई जम्मू कश्मीर में सोशल मीडिया और मदरसों के जरिए ई-टेररिज्म फैला रही है। कश्मीरी बच्चों का ब्रेन वाश कर आतंकवादी बनाया जा रहा है। इस घटना के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर को बांग्लादेश की सीमा से भी ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा है। सुरक्षा सलाहकारों का कहना है कि भारत को तत्काल भारत-नेपाल बॉर्डर पर चौकसी बढ़ानी चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पुलवाम में CRPF जवानों पर हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के अंजाम दिये जाने के बाद से ही इमरान खान के नए पाकिस्तान की पोल दुनियां के सामने खुल चुकी है। दुनियाभर में कुख्यात आतंकी मौलाना मसूद अजहर के आंतकी संगठन जैश- ए-मोहम्मद ने भारत में सुरक्षा एजेंसियों पर हमला किया। संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) समेत दुनियांभर के राष्ट्रों के सामने पाकिस्तान की आतंकी साजिश की कलई खुल चुकी है। दुनियांभर के देश पाकिस्तान की करतूत की कडी निंदा कर रहे हैं। पाकिस्तान ने एक और पड़ोसी ईरान की सुरक्षा एजेंसी पर भी आतंकी हमला करवाकर दुनिया को डरा दिया है। पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकी डार के CRPF काफिले पर हमले में करीब 80 किलोग्राम RDX विस्फोटक का इस्तेमाल किया। इस आतंकी हमले में 40 CRPF के शूरवीर जवान वीरगति को प्राप्त हो गये। इस आतंकी हमले की जांच में एजेंसियां जुटी हुईं हैं। सूत्र बताते हैं कि विस्फोटक RDX इतनी बड़ी मात्रा में स्थानीय लेवल पर बनाना आसान नहीं है। पाकिस्तान ने विस्फोटक की इतनी बड़ी खेप जम्मू कश्मीर के पुलवावा तक सीमा पार से भिजवाई होगी।
कश्मीर घाटी मे तैनात रह चुके भारतीय सेना के पूर्व ब्रिगेडियर हेमंत महाजन का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सीमा पर भारतीय सेना बेहद चौकसी बरत रही है, लिहाजा बड़े विस्फोटकों के जखीरे के साथ घाटी में घुसना टेढ़ी खीर है और पाकिस्तानी आतंकी सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये नेपाल, बंग्लादेश जैसे देशों से होते हुये भारत में आतंकी साजो-सामान भेज रहे हैं। रिटायर्ड ब्रिगेडियर हेमंत महाजन ने कहा, ‘घाटी मे सेना घुसपैठ को बंद कर चुकी है। इतना बड़ा विस्फोटक का जखीरा सीमा पार से दूसरे रूट से लाया लाया गया होगा। नेपाल बार्डर का इस्तेमाल हुआ हो सकता है।’
नेपाल-भारत सीमा से सटे उत्तर प्रदेश, बिहार में ISI के एजेटों की सरगर्मी हाल के दिनों में बढ़ी है, जिनकी मदद से विस्फोटक सड़क के जरिये चोरी-छुपे जम्मू कश्मीर तक लाने में पाकिस्तानी आतंकी संगठन सफल हो रहे हैं।
सफेद पाउडर की तरह होता है RDX
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा को धमाके से दहलाने से पहले पाकिस्तान में इस आतंकी हमले की साजिश इमरान खान सरकार की नाक के नीचे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने नापाक पाकिस्तान में रची और कश्मीर तक बड़ी मात्रा में RDX विस्फोटक और घातक गोला-बारूद और बंदूकें सीमापार से पहुंचाई।
RDX विस्फोटक बेहद शक्तिशाली होता है। ये सफेद रंग का नमक की तरह पाउडर होता है। द्वितीय विश्व युद्ध में इस विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। ये टीएनटी विस्फोटक से भी ज्यादा शक्तिशाली विस्फोटक है, जिसका महज सेना इस्तेमाल कर सकती है। इसी वजह से साफ होता है कि आतंकियों को RDX सप्लाई पाकिस्तानी आर्मी की करतूत है।
जानकार मानते हैं कि सीमापार से आतंकवादी जब कश्मीर में अपने तयशुदा ठिकानों पर पहुंचते हैं तब वह विस्फोट की प्लानिंग करते हैं। आतंकियों ने जम्मू कश्मीर में अपनी कई स्थानीय सेल बना रखी है, जो आतंकी वारदातों को अंजाम देने में पाकिस्तानी आतंकियों की मदद करते हैं। जम्मू कश्मीर में विस्फोटक RDX पाउडर को ट्रांस्पोर्ट करते वक्त आतंकी इसे कोयले के बीच बेहद खुफिया तरीके से मिलाकर रखकर ले जाते हैं। लिहाजा, सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बच निकलते हैं।
कश्मीरी बच्चों का किया जा रहा ब्रेन वॉश
सूत्र बताते हैं कि ISI जम्मू कश्मीर में इस्लामी तालीम के मदरसों के जरिये छोटे छोटे बच्चों के मस्तिष्क में आतंक का जहर घोल रही है। घाटी में ज्यादातर मदरसों में अरबी जुबान में इस्लामी सामग्रियों के पढ़ाने वाले मौलवी जम्मू कश्मीर के बाहर से आये हुये हैं। घाटी में इन दिनों मदरसों की बाढ़ सी आ गई है। जिस पर कई मदरसों की फंडिंग खाड़ी देशों से होती है। कई खाड़ी देश ऐसे मदरसों से गलत- जिहाद की तालीम देने में दिलचस्पी रखते हैं और इसी का फायदा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI उठा रहा है।
जानकार के मुताबिक ऐसे मदरसों में छोटे-छोटे बच्चों का ब्रेन वाश कम उम्र में ही कर दिया जाता है और पाकिस्तान मौका पाते ही इनके हाथों में हथियार थमा देता है।