

देवव्रत शर्मा–
बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन के मौके पर बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है और झटका देने वाली पार्टी का नाम है समाजवादी पार्टी जो कुछ दिनों पहले बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में राजनीति कर रही थी।

अखिलेश यादव ने बड़ी सावधानी से दांव चलते हुए मायावती को कायदे की चोट पहुंचाई है और उनके एक पूर्व सांसद और तीन पूर्व विधायकों को हाथी से उतार कर अपनी साइकिल पर बैठा लिया है।

बसपा के पूर्व सांसद बलिहारी बाबू पूर्व एमएलसी तिलक चंद्र अहिरवार और विधायक फेरन लाल अहिरवार और पूर्व विधायक अनिल अहिरवार भी बसपा का नीला चोला उतार कर अखिलेश का हरा और लाल चोला पहन के यह समाजवादी बन गए हैं।

दरअसल 2022 की तैयारी में बहुत से नेता अपने लिए नया राजनैतिक मुकाम ढूंढ रहे हैं जिन लोगों को अपनी वर्तमान पार्टी में टिकट की सेटिंग सही नहीं समझ में आ रही वह दूसरे दरवाजे खटखटा रहे हैं और जिन्हें दूसरे दलों में टिकट की सेटिंग सही समझ में आ रही है वह दूसरे दलों से दिल मिला कर अपने पुराने दलों की कमियां बताते नहीं थक रहे हैं।
ऐसे ही यह चार नेता है जो जय भीम जय भीम कहते-कहते अब जय समाजवाद के नारे लगाएंगे।
जैसे ही यह जानकारी बसपा सुप्रीमो मायावती को मिली तुरंत ही व प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए सामने आ गई उन्होंने एक बयान जारी करते हुए यह दावा किया है कि जो लोग उनकी पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में गए हैं यह वह लोग थे जिन्हें पहले ही उन्होंने किनारे कर दिया था या फिर निकाल दिया था।
मायावती जी खुलकर स्वीकार नहीं कर पा रही है कि एक पूर्व सांसद और तीन पूर्व विधायकों के जाने से उन्हें नुकसान हुआ है वह यह कह रही है कि जो लोग उनकी पार्टी छोड़कर गए हैं उनके लिए पहले ही बेकार हो चुके थे।