क्या समाज में फैलता हिंदू-मुस्लिम विभाजन भी है “तानाजी” के हिट होने का कारण!

देवव्रत शर्मा

वैसे तो भारतीय उपमहाद्वीप ही नहीं पूरे दक्षिण एशिया में हिंदू मुस्लिम सियासत सांप्रदायिकता और विभाजन सैकड़ों वर्षों से चला आ रहा हैl लेकिन पिछले कुछ दशकों में देश की राजनीति मैं अवसर वाद और सत्ता लोलुपता के लिए जिस तरह से जनता के अलग-अलग वर्गों को बारी-बारी  “वोट बैंक” की तरह इस्तेमाल करके “तुष्टीकरण” किया गया उसके बाद सामाजिक विभाजन की खाई और बढ़ती गई ।

जाति धर्म के आधार पर नेताओं ने समाज को सुविधाओं का लालच दिया और अलग-अलग सरकारों ने जाति धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव भी किया लगभग सभी पार्टियां सांप्रदायिक सियासत के खेल में शामिल हैं।

इंटरनेट सस्ता होने के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से सांप्रदायिकता बढ़ाने वाले कंटेंट की भरमार हो रही है उसकी वजह से देश के दोनों बड़े समुदायों में नकारात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। कुछ महीनों से नागरिकता कानून को लेकर जो राजनीतिक विरोध और समर्थन का माहौल बनाया गया है उससे भी समाज में हिंदू मुसलमानों के बीच दूरियां बढ़ने का कारण कहा जा रहा है।

ऐसे ही माहौल में रिलीज हुई फिल्म तानाजी को दर्शकों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है कहा जा रहा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब के अत्याचारों के खिलाफ शिवाजी महाराज और उनके बहादुर सेनापति ताना जी ने जिस तरह से डटकर मुकाबला किया स्वराज और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया उसे इस फिल्म में बेहतर तरीके से प्रदर्शित किया गया है।


निसंदेह यह एक अच्छी फिल्म मानी जा रही है निर्माता निर्देशकों और कलाकारों ने कड़ी मेहनत करके इस फिल्म को सुपरहिट फिल्मों की श्रेणी में खड़ा किया है, लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में देश के वर्तमान वातावरण को भी इस फिल्म के हिट होने का एक महत्वपूर्ण कारण माना जा सकता हैl  मुगल बादशाहों की मजहबी कट्टरता को इस फिल्म में दिखाया गया है वहीं सोशल मीडिया पर कश्मीरी हिंदुओं और सिखों पर हुई मजहबी हिंसा के मामले भी जोरों पर चल रहे हैं। देश में नागरिकता कानून के बहाने मुस्लिम घुसपैठियों और आतंकियों को बाहर निकालने की बात कही जा रही है।

कुल मिलाकर सारा माहौल देश को हिंदू मुस्लिम ध्रुवीकरण की ओर ले जाता हुआ दिखाई पड़ रहा है और ऐसे में जनमानस के दिलों में जो विचार उमड़ रहे हैं, जो मानसिकता परत दर परत स्थापित हो रही है, निसंदेह वह मानसिकता ऐसी फिल्मों को देखने के बाद बहुसंख्यक वर्ग के दिलों में मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालती है और ऐसी फिल्मों के लिए समर्थन का भाव जगाती है यही वजह है कि तानाजी का व्यवसाय बढ़ता जा रहा है।

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