रिपोर्ट – दीपक मिश्रा,
लखनऊ, पूर्व विधायक और उत्तर प्रदेश के प्रमुख शिक्षाविद सीएमएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संचालक डॉक्टर जगदीश गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा लाई गई शिक्षा नीति की प्रशंसा करते हुए उसमें कुछ अतिरिक्त सुधारो के साथ नियमों को स्पष्ट करने की मांग की है।
स्कूल एवं काॅलेज के संचालन, नियंत्रण एवं मूल्यांकन की जिम्मेदारियों को अलग-अलग संस्थाओं को देने की मंशा के साथ लायी गयी नई शिक्षा नीति देश के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
इसके लिए सरकार को अब आगे नई शिक्षा नीति को कार्यरूप में लाने के लिए बनने वाले नियमों को न केवल प्रभावशाली बनाना होगा, बल्कि किसी भी प्रकार के संशय से बचने के लिए इन नियमों एवं उप नियमों की विस्तृत व्याख्या करके उसे स्पष्ट भी करना चाहिए।
सरकार इस नई शिक्षा नीति में देश के अंतिम बच्चे तक को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए यदि उसके फीस की धनराशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे बच्चे/अभिभावक के खाते में भेजनी की व्यवस्था शामिल करती तो निश्चित ही यह नई शिक्षा नीति और भी अधिक प्रभावशाली हो सकती थी।
वास्तव में इस व्यवस्था के लागू करने से देश के गरीब से गरीब बच्चे को भी अपनी पसंद के स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का मौलिक अधिकार अवश्य मिल जाता।