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पंजाब :पंजाब में कांग्रेस का प्रधान बनने के बाद पहली बार नवजोत सिद्धू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सिद्धू ने गुरुवार को वीडियो जारी कर कहा कि केंद्र सरकार 2022 तक किसानों का आय दोगुनी करने का वादा किया था। इसके उलटे गन्ने की प्रति क्विंटल कीमत में सिर्फ 1.75% यानी 5 रुपए और गेहूं की MSP में सिर्फ 2% यानी 40 रुपए की बढोतरी की है।
सिद्धू ने कहा कि पिछले एक साल में लागत खर्च कई गुना बढ़ चुका है। इसमें डीजल की कीमत 48%, DAP खाद 140%, सरसों तेल 174%, सनफ्लावर ऑयल 170% और LPG सिलेंडर की कीमत 190 रुपए बढ़ चुकी है। सिद्धू ने NDA सरकार की फुल फॉर्म ‘नो डाटा अवेलेबल’ बताते हुए कहा कि उनके पास किसानों, मजदूरों व स्मॉल ट्रेडर्स का कोई डाटा नहीं है।
केंद्र सरकार सिर्फ अमीर कॉर्पोरेट मित्रों को जानती है। जिनका कर्जा माफ किया जा रहा है। वही केंद्र सरकार की पॉलिसी बना रहे हैं। तीन कृषि सुधार कानून भी इसी का उदाहरण है। जिससे सिर्फ 0.1% फायदा होगा लेकिन 70% भारतीयों की लूट होगी।
नवजोत सिद्धू ने कृषि सुधार कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार में मंत्री पद छोड़ने व एनडीए से गठजोड़ तोड़ने वाले अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल पर भी निशाना साधा। सिद्धू ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर जून 2020 में हुई आल पार्टी मीटिंग में सुखबीर बादल ने इन कानूनों का समर्थन किया था। प्रकाश सिंह बादल व हरसिमरत बादल ने सितंबर 2020 तक इन कानूनों के समर्थन में वीडिया जारी किए। हालांकि इसके बाद लोगों व किसानों के दबाव में उन्हें यू-टर्न लेना पड़ा।
आम आदमी पार्टी को लेकर सिद्धू ने कहा कि उनकी दिल्ली सरकार प्राइवेट मंडियों में पहले ही कृषि कानून लागू कर चुकी है। अब वह किसानों के सपोर्ट का झूठा दावा कर रहे हैं।
अभी तक नवजोत सिद्धू पंजाब में अपनी ही सरकार को घेर रहे थे। कृषि कानून ही नहीं, नशा, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से लेकर कई मुद्दों पर वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना करते आ रहे थे। हालांकि कुछ दिन पहले दिल्ली से कांग्रेस हाईकमान द्वारा बैरंग लौटाए जाने की चर्चा के बाद सिद्धू के सुर बदले हैं।
रिपोर्ट – आर डी अवस्थी