महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण पर बीजेपी आक्रामक, राज्य में विभिन्न जगहों पर प्रदर्शन।

महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण रद्द किए जाने के मुद्दे ने राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के ऐलान के बाद आज पूरे राज्य में भाजपा कार्यकर्ता प्रोटेस्ट कर रहे हैं। ठाणे, मुंबई, नागपुर, पुणे, औरंगाबाद, सोलापुर समेत राज्य के कई स्थानों में चक्काजाम किया गया है। भाजपा के इस प्रस्तावित प्रोटेस्ट को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। ठाणे में हंगामा कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है।

भाजपा के इस प्रदर्शन के खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने ऐलान किया है कि वे केंद्र सरकार के खिलाफ जल्द राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
वसई में ठाकरे सरकार के खिलाफ भाजपा का चक्का जाम शुरू हो गया है। यहां भाजपा नेता प्रसाद लाड, वसई विरार शहर जिलाध्यक्ष, राजन नाइक के नेतृत्व में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर चौक पर चक्का जाम कर रहे हैं सांसद रामदास टाडास, जिलाध्यक्ष शिरीष गोडे के नेतृत्व में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता शहर के बजाज चौक पर चक्काजाम कर रहे हैं।नासिक में भाजपा कार्यकर्ता मुंबई-आगरा हाईवे पर बैठ कर प्रोटेस्ट कर रहे हैं।

यहां पुलिस संग उनकी झड़प भी हुई है।मुंबई का मुलुंड चेकनाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है, किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सैंकड़ों पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया है।विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां नेताओं ने जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया है।मुंबई में भाजपा आशीष शेलार और सांसद मनोज कोटक के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुलुंड टोल नाके पर चक्का जाम आंदोलन की शुरुआत की है।पुणे में पंकजा मुंडे और परली में प्रीतम मुंडे के नेतृत्व में आंदोलन किया जा रहा है।


मुंबई के दहिसर चेक नाक के पास वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर भाजपा के नेता आंदोलन कर रहे है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के जिला परिषद कानून का आर्टिकल 12 रद्द कर दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण की व्यवस्था तय की गई है और किसी भी सूरत में 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। सर्वोच्च अदालत ने यह भी स्पष्ट आदेश दिया था कि ओबीसी को 27% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस संवैधानिक सीमा का पालन करते हुए जिला परिषद में चुनाव करवाए जाएं। आरक्षण को रद्द करने के सुप्रीम फैसले के बाद महाराष्ट्र ने पुनर्विचार याचिका कोर्ट में दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उसे भी रद्द कर दिया है।
नागपुर में पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने समर्थकों के साथ शहर के मुख्य चौराहे पर चक्काजाम किया।


देवेंद्र फडणवीस ने कहा-अगर प्रस्तावित पांच जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव आगे नहीं किए गए तो भाजपा हर सीट पर केवल ओबीसी चेहरा ही मैदान में उतारेगी। फडणवीस ने कहा था कि, “राज्य सरकार को एक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करना चाहिए और ओबीसी आरक्षण के लिए डाटा जमा करना चाहिए। यदि सरकार को इसमें हमारी मदद की जरूरत हो तो हम पूरी तरह से उनका सहयोग करने के लिए तैयार हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा शायद इस सरकार का ओबीसी को आरक्षण देने का कोई इरादा दिख नहीं रहा है।

रिपोर्ट – आर डी अवस्थी

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