दुनिया के सबसे बड़े हिंदूवादी संगठन और भाजपा की मात्र संस्था के रूप में पहचान रखने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ा बयान देते हुए या कहा है कि भारत में ना हिंदुओं का वर्चस्व होना चाहिए ना मुसलमानों का वर्चस्व होना चाहिए भारत में भारत के वर्चस्व की बात होनी चाहिए उन्होंने कहा है कि भारत एक लोकतंत्र एक संवैधानिक राष्ट्र है यहां सभी को सुरक्षा और सम्मान मिलना चाहिए।
मोहन भागवत ने कहा कि किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि मुसलमानों को भारत में नहीं रहना चाहिए वह सभी का देश है और सभी के पूर्वज एक हैं सभी का डीएनए एक है उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति दुनिया की सबसे पुरानी संस्कृति है और जो लोग भी भारतीय भूमि में रहते हैं उन सभी के पूर्वज हिंदू हैं वह सब हिंदू संस्कृति का हिस्सा है।
मोहन भागवत ने कहा कि जो लोग मुसलमानों के खिलाफ लिंचिंग में शामिल होते हैं वह हिंदुत्व के खिलाफ जा रहे हैं क्योंकि हिंदुत्व की परिभाषा में सभी से प्रेम करना शामिल है मोहन भागवत ने कहा कि हजारों वर्षों में बहुत से देवी-देवताओं की पूजा पद्धति में बदलाव हुआ है पहले जिन देवताओं के प्रति ज्यादा आस्था थी अब उनके स्थान पर धीरे-धीरे नए देवताओं के प्रति आस्था बढ़ रही है यह एक सामान्य प्रक्रिया है। हिंदू धर्म में निराकार ब्रह्म और साकार ब्रह्म दोनों की उपासना होती है जबकि इस्लाम में साकार ब्रह्म को महत्व दिया गया है इसमें कोई भी दिक्कत नहीं है साकार ब्रह्म और निराकार ब्रह्म दोनों ही हिंदुत्व दर्शन में प्रारंभ से शामिल है उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों को एक दूसरे का सम्मान और सहयोग करने का सुझाव दिया ।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस बात को भी दोहराया कि भारत हिंदू राष्ट्र था रहेगा और गौ माता सभी के लिए पूज्य हैं सभी भारत वासियों को भारतीय संस्कृति का सम्मान करना चाहिए और यह नहीं भूलना चाहिए कि सभी के पूर्वज एक हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट