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पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए जिन लोगों ने बड़ी उम्मीदों के साथ सीएनजी गाड़ियां खरीदी थी अब वह लोग परेशान हैं बेहाल हैं उन्हें अपने फैसले पर पछतावा हो रहा है क्योंकि सीएनजी की कीमत पिछले 2 वर्षों के अंदर लगभग 40 फ़ीसदी बढ़ चुकी है और गैस भारी होने की वजह से एवरेज में गिरावट आने की शिकायतें भी हैं।
पिछले कुछ वर्षों में देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर सीएनजी गाड़ियों की डिमांड में तेजी से वृद्धि हो रही है सीएनजी पर्यावरण के अनुकूल होने की वजह से लोग इसे पसंद करते हैं लेकिन देश में मात्र 2 वर्षों के अंदर सीएनजी की कीमतों में भारी वृद्धि हो गई है ।
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बात करें तो अप्रैल 2020 में यहां सीएनजी की प्रति किलो कीमत ₹59 50 पैसे थी वही आज सीएनजी की कीमत कुछ पंप पर ₹83 तो कुछ पर 84 और ₹85 वसूली जा रही है ।
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इसके अलावा कुछ महीनों से गैस का वजन बढ़ गया है उपभोक्ताओं के मुताबिक पहले जिन गाड़ियों के टैंक 7 किलो गैस भरती थी अब उनके टैंक में 9 किलो गैस आ रही है गैस की ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है लेकिन यानी गाड़ी चलने का प्रति किलो गैस पर एवरेज पहले से कम हो गया है।
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” लखनऊ निवासी मीडिया कर्मी आनंद मिश्रा बताते हैं कि पहले डीजल कार से चलते थे लेकिन कुछ दिनों पहले उन्होंने सीएनजी कार खरीद ली यह सोच कर कि पर्यावरण भी सुरक्षित होगा और पैसों की बचत होगी लेकिन उन्हें अपने फैसले पर पछतावा हो रहा है एक तो सीएनजी गैस आसानी से मिलती नहीं ज्यादातर पेट्रोल पंप पर अभी भी सीएनजी अनुपलब्ध है गिने-चुने पेट्रोल पंप और सीएनजी के गैस पंप हैं वहां लंबी कतार लगाने के बाद काफी इंतजार करने के बाद सीएनजी मिल पाती है और सरकार ने जिस तरह से पिछले कुछ महीनों में कीमत बढ़ाई है और गैस भारी होने की शिकायत मिल रही है।
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उसके बाद सीएनजी का प्रति किलो एवरेज धीरे-धीरे डीजल और पेट्रोल के बराबर होता जा रहा है. ऐसे में आने वाले समय में लोगों का सीएनजी कारों से आकर्षण कम हो सकता है क्योंकि सीएनजी वाहन से चलने का खर्चा और डीजल पेट्रोल वाहनों से चलने का खर्चा धीरे-धीरे बराबर होता जा रहा है। सरकार को इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है और जिस रफ्तार से सीएनजी गाड़ियां बढ़ती जा रही हैं उसी के क्रम में सीएनजी पेट्रोल पंप की संख्या में वृद्धि सीएनजी गैस के उत्पादन में वृद्धि और वितरण की व्यवस्था को सुधारना होगा और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पेट्रोल और डीजल के मुकाबले सीएनजी का उपयोग वाहन चालकों के लिए कम से कम 30% सस्ता हो यदि ऐसा न हुआ तो लोग सीएनजी से दूरी बना लेंगे।
द इंडियन ओपिनियन लखनऊ