रिपार्ट – अराधना शुक्ला
अब नहीं बच पाएंगे डॉक्टरों पर हमला करने वाले।
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में शामिल डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पिछले कुछ दिनों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ उत्पीड़न और हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। जिनकी वजह से इन कोरोना योद्धाओं को अपनी जान तक जोखिम में डालकर समाज की अवहेलना झेलनी पड़ रही है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने महामारी रोग अधिनियम 1897 में संशोधन कर एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है। इससे महामारी के दौरान सेवा दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा के मामलों को कानून के तहत लाया जाएगा जिसमें सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ किसी भी तरह की हिंसा या संपत्ति का नुकसान सहन करने योग्य नहीं है, इसलिए महामारी अधिनियम में संशोधन किया जाना चाहिए। अब महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 के तहत आरोपियों पर सजा एवं जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
मंत्रिमंडल का फैसला:
महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार उत्पीड़न और शारीरिक हिंसा महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 के तहत एक दंडनीय अपराध माना जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों के घायल होने या उनकी संपत्ति को क्षति या नुकसान पहुंचाने पर अपराधी द्वारा इसका हर्जाना दिया जाएगा।
क्या होगी सजा:
इस अध्यादेश के लागू हो जाने के बाद आरोपी को 3 महीने से लेकर 5 साल तक की सजा हो सकती है। 30 दिन के अंदर जांच पूरी कर ली जाएगी और 1 साल के भीतर फाइनल फैसला आ जाएगा। इसके अलावा साधारण केसेस में 3 महीने से लेकर 5 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख रुपए तक का फाइन आरोपी को देना पड़ सकता है। यदि मामला गंभीर होता है तो आरोपी को 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा और एक लाख रुपए से लेकर पाँच लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से देशभर में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले से लेकर सामाजिक प्रताड़ना तक की कई खबरें सामने आ रही थी।आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने नई दिल्ली में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डॉक्टरों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बातचीत की इसमें अमित शाह ने स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इन सभी मुद्दों पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम सरकार द्वारा उठाए जाएंगे। हाल के दिनों में हो रहे हमलों के मद्देनजर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन नें विरोध जताने का फैसला लिया था। लेकिन मंत्रिमंडल द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद उन्होंने प्रस्तावित विरोध वापस ले लिया है साथ ही कोरोना के खिलाफ जंग को बिना किसी व्यवधान के जारी रखने का संकल्प भी लिया।