ताइवान से विवाद के बीच चीन का एक बार फिर पाकिस्तान प्रेम जाग गया है। अब उसने संयुक्त राष्ट्र (UN) में जैश ए मोहम्मद के आतंकी पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाले भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर अडंगा लगा दिया। भारत और अमेरिका चाहते थे कि आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर पर वैश्विक प्रतिबंध लगाए जाएं और उसकी संपत्ति को फ्रीज कर दिया जाए। लेकिन चीन ने अड़ंगा लगाकर पाकिस्तान को आतंकवादी को बचा लिया।
अब्दुल रऊफ अजहर का जन्म 1974 में पाकिस्तान में हुआ था. अमेरिका ने दिसंबर 2010 में उस पर प्रतिबंध लगाए थे। चीन ने यह कहते हुए UNSC में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगाई है कि उसे अभी प्रस्ताव को पढ़ने के लिए और समय चाहिए। दो महीने में यह दूसरा मौका है, जब चीन ने यूएनएससी में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर रोक लगाई है।
इससे पहले जून में चीन ने लश्कर ए तैयबा के डिप्टी चीफ अब्दुर रहमान मक्की के खिलाफ प्रस्ताव पर रोक लगाई थी। वह लश्कर चीफ और 26/11 हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला है। इससे पहले मंगलवार को सुरक्षा परिषद को आगाह किया गया कि अफ्रीका में इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन का खतरा हर दिन बढ़ रहा है और यह महाद्वीप उसकी ‘खिलाफत का भविष्य’ हो सकता है।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने दिसंबर 2010 में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को प्रतिबंधित किया था। 2008 में अजहर ने भारत में आत्मघाती हमलों की साजिश रची थी। जैश कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर का छोटा भाई है और 1994 में आईसी 814 विमान हाईजैक में शामिल था। इस साल चीन ने यह दूसरी बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी आतंकवादी की लिस्टिंग पर रोक लगाई है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’