

आराधना शुक्ला–
कोरोना वायरस को लेकर चीन और अमेरिका आमने सामने आ गए हैं। दोनों ही देशों के बीच पिछले कुछ सालों से व्यापार युद्ध चल रहा था। इसी बीच चीन के वुहान प्रांत से एक ऐसे वायरस के फैलने की बात पता चली, जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कई तरह की अफवाहें भी फैल नहीं थी कि चीन किसी जैविक हथियार का परीक्षण कर रहा था इसीलिए यह वायरस वहीं से निकला और अब पूरी दुनिया में फैल चुका है।
चीन के विदेश मंत्रालय के सूचना विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल लीजियान जाऊ ने अपने ट्विटर एकाउंट से अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना वायरस का जन्म यूएस में हुआ है, न कि चीन में।जहां एक तरफ चीन अमेरिका को लेकर एक नया नैरेटिव सेट कर रहा है वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के कई बड़े अधिकारी और मंत्री मीडिया से साक्षात्कार में कोविड-19 की बजाय बुहान कोरोनावायरस शब्द का प्रयोग करते हैं।इससे उनका इशारा चीन की तरफ होता है। अमेरिका समेत यूरोप के कई देशों में चीनी मूल के लोगों पर नस्लीय हमले भी हुए हैं। यह चीन के लिए एक बड़ी चुनौती है।

वहीं चीन ने दुनिया के सामने एक नई बात रखी है।उसका कहना है कि अमेरिका का ही एक व्यक्ति’पेसेंट ज़ीरो’ है। चीन ने इस बात को साबित करने के लिए साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं । दरअसल पिछले वर्ष नवंबर महीने में कुछ अमेरिकी सैनिकों की एक वायरस के चपेट में आने के बाद मृत्यु हो गई थी।और इसकी जांच करने के लिए कमेटी का गठन भी किया गया था।इस कमेटी ने यह जानने का प्रयास किया था, कि क्या जिन सैनिकों की मृत्यु हुई उनका कौन सा टेस्ट किया गया था। वैसे तो यह कहा जा रहा है कि रिपोर्ट में इनफ्लुएंजा से संक्रमण का पता चला था जो उनकी मौत का कारण बना। हालांकि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी पाया था कि जिस अस्पताल में उन सैनिकों का टेस्ट किया गया था वहां ऐसे किसी संक्रमण के लिए टेस्ट किट मौजूद ही नहीं थी।

चीन इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर कह रहा है कि कोरोना वायरस का ‘पेशेंट जीरो’ यानी पहला वायरस संक्रमित व्यक्ति एक अमेरिकी सैनिक था। और उसी की वजह से चीन में यह वायरस फैला। इसके जवाब में अमेरिका ने चीनी राजदूत को समन जारी करते हुए कहा कि अमेरिका के खिलाफ साजिश की जा रही है। और साथ ही चीन से कोरोना वायरस के फैलने की बात भी की।

अमेरिका ने कहा,चीन में यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले 2003 में “सॉर्स” भी चीन से ही फैला था। जिसमें ठीक कोरोना जैसे ही लक्षण थे। इसका एक कारण चीनियो की खानपान की आदतें भी हैं। जो इस प्रकार के वायरस को फ़ैलाने का काम करती हैं। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सिक्योरिटी सलाहकार रॉबर्ट ब्रायन कई बार कह चुके हैं कि चीन में जब यह वायरस है दो महीने बीत चुके थे तब उसने दुनिया को बताया।जिसकी वजह से कई देशों को तैयारी करने का मौका नहीं मिला।और इस वजह से सभी देश इस महामारी के प्रकोप को झेल रहे हैं।