कानपुर
द इंडियन ओपिनियन

प्रशासनिक जिम्मेदारी से आगे बढ़कर निभाई इंसानियत – वृद्ध माँ को घर लेकर गया बेटा
कानपुर के जिला अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने हाल ही में एक पारिवारिक विवाद के दौरान मानवता की मिसाल पेश करते हुए प्रशासन की संवेदनशीलता का दुर्लभ उदाहरण दिया है।
मामला एक वृद्ध माँ और उनके बेटे के बीच चल रहे मनमुटाव से संबंधित था। घरेलू कलह के कारण माँ अकेली रह रही थीं। जब यह प्रकरण जिला अधिकारी के संज्ञान में आया, तो उन्होंने व्यक्तिगत रुचि लेते हुए दोनों को अपने कार्यालय में बुलाया और शांतिपूर्ण संवाद के माध्यम से समस्या को सुलझाने का प्रयास किया।

डीएम श्री सिंह ने माँ और बेटे दोनों को समझाया कि जीवन में रिश्तों की कीमत किसी भी मतभेद से कहीं अधिक होती है। उनकी संवेदनशीलता और मानवीय व्यवहार से प्रभावित होकर दोनों भावुक हो उठे। अंततः बेटे ने अपनी वृद्ध माँ को पुनः घर ले जाकर उनके साथ रहने का निर्णय लिया।

इस अवसर पर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा —
“प्रशासन केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं, बल्कि समाज में विश्वास और संवेदना को सशक्त करने के लिए भी है। जब हम किसी की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, वही सच्ची सेवा है।”
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने जिला अधिकारी के इस कदम की सराहना करते हुए इसे मानवता और सामाजिक उत्तरदायित्व का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
“जहाँ प्रशासन में संवेदना होती है, वहीं समाज में विश्वास जन्म लेता है।”
कानपुर के जिला अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने वृद्ध माँ और बेटे को मिलवाकर एक परिवार के टूटे रिश्ते को फिर से जोड़ते हुए प्रशासनिक सेवा को मानवीय मूल्यों के साथ जोड़ने की प्रेरक मिसाल पेश की है।