द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी
बाराबंकी शहर और राजधानी लखनऊ के बीच स्थित सतरिख नगर पंचायत बाराबंकी जनपद की सबसे पुरानी नगर पंचायत मानी जाती है।कल्याणी नदी के तट पर स्थित नगर पंचायत सतरिख ऐतिहासिक और पौराणिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान रखता है सतरिख सात ऋषियों का क्षेत्र था सप्त ऋषियों की तपोभूमि थी जो आधुनिक काल में भाषा अभ्रांश के चलते सतरिख कहलाई यहां कई प्राचीन धर्मस्थल हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं ।
इस क्षेत्र की आध्यात्मिक ऊर्जा की वजह से प्राचीन काल से ही क्षेत्र ने विद्वानों को अपनी ओर आकर्षित किया अन्य धर्म के लोग भी इस धरती की ओर आकर्षित हुए और यहां इस्लाम के मानने वालों की आस्था के भी स्थल मौजूद हैं । मान्यता है कि भगवान राम प्राचीन काल में सप्तर्षियों के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आए थे इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद क्षेत्र एक पर्यटन नगरी के रूप में विकसित नहीं हो सका और इस क्षेत्र को वह सम्मान नहीं मिला जिसका यह क्षेत्र हकदार था। हालांकि नगर पंचायत के सीमित संसाधनों के द्वारा सप्त ऋषि क्षेत्र में नगर पंचायत के द्वारा इलाके के नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है इसके अलावा नगर का सौंदरीकरण करने का भी प्रयास किया जा रहा है ।
नगर पंचायत सतरिख के अध्यक्ष प्रतिनिधि रेहान कामिल कहते हैं कि “हमारी नगर पंचायत सीमित संसाधनों के बावजूद सभी नागरिकों को विकास के लिए आवश्यक सभी समुचित सुविधाएं दे रही है पेयजल शौचालय आवास स्ट्रीट लाइट नियमित साफ-सफाई के साथ-साथ नगर क्षेत्र में स्थित सभी ऐतिहासिक पौराणिक धर्मस्थलों का भी विकास करने का प्रयास किया जा रहा है।”
रेहान कामिल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग कर चुके हैं और इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं कि यहां भगवान राम से जुड़े हुए स्थलों को राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लाया जाए जिससे दूर-दूर के लोग भी इस क्षेत्र में भ्रमण करने के लिए आ सके। रेहान कामिल का कहना है कि सामान्य विकास कार्यों के अलावा इस प्राचीन नगरी में धर्मस्थलों के विकास और पर्यटन की संभावनाओं को आगे बढ़ाया जाए तो यहां रोजगार के नए अवसर भी बन सकते हैं हमारा प्रयास है कि इस ऐतिहासिक नगरी की गरिमा को पुनर्स्थापित किया जा सके।
सतरिख क्षेत्र मुख्य मार्ग से बाराबंकी जिला मुख्यालय और लखनऊ जिला मुख्यालय से भी जुड़ा हुआ है हालांकि बाराबंकी और लखनऊ के मुख्य मार्गों का चौड़ीकरण किए जाने की आवश्यकता है जिससे यहां लोगों का आवागमन सुविधाजनक हो सके। लोगों को उम्मीद है कि जिस तरह से सरकार प्रदेश के अन्य ऐतिहासिक सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का विकास कर रही है उसी तरह सतरिख को भी विकास की सौगात मिलेगी।