बाराबंकी: जनपद न्यायाधीश के निर्देशन में विस्थापित संघ को के अधिकार विषय पर जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन।

बाराबंकी। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मंशानुरूप जनपद न्यायाधीश राधेश्याम यादव के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बाराबंकी द्वारा आज किसान ब्रिक फील्ड स्टोर तहसील नवाबगंज जिला बाराबंकी में विस्थापित श्रमिकों के अधिकार विषय पर विधिक जागरूकता एवं साक्षरता शिविर एवं श्रम पंजीकरण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री श्वेता चन्द्रा, श्रम विभाग से संधारन अधिकारी यशवन्त कुमार, जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी शरद, यूनीसेफ की ओर से रिसोर्स पर्सन रागिनी सक्सेना, राम लखन श्रीवास्तव भट्टा मालिक किसान ब्रिक फील्ड, भट्टा एसोशिएसन के अध्यक्ष शेषमणी तिवारी, भट्टा एसोशिएशन के अन्य पदाधिकारीगण, मोहित वर्मा, मोहित प्रजापति, सुरेन्द्र पटेल के अतिरिक्त किसान ब्रिक फील्ड के कर्मचारीगण, श्रमिक आदि उपस्थित थे।

शिविर की शुरूआत करते हुए सचिव श्वेता चन्द्रा द्वारा सभी को बताया गया कि सरकार द्वारा श्रमिकों के अधिकारों के विषय में विभिन्न दिशा निर्देश समय-समय पर जारी कर लोगों को श्रमिकों के अधिकारों के संरक्षण पर कार्य करने हेतु निर्देशित किया जाता है। श्रम विभाग द्वारा श्रमिक पंजीयन कराकर उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाता है जिसका लाभ उनको मिलने लगता है। न्यायालय भी श्रमिकों के अधिकारों के संरक्षण के लिए कार्य करती है और विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविरों के माध्यम से श्रमिकों को जानकारियां देती है। कोई भी कारखाना, कम्पनी अथवा कोई भी व्यक्ति अपने कामगार अर्थात मजदूर को निर्धारित मजदूरी से कम नहीं दे सकता है यदि कोई ऐसा करता है तो वह एक दण्डनीय अपराध है और श्रमिक द्वारा स्थानीय पुलिस अथवा न्यायालय पर भी इसकी शिकायत की जा सकती है। इसके अतिरिक्त सभी कारखानों को एवं कम्पनियों को अपने यहां के कामगार की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना होता है। खतरनाक स्थानों पर बिना सुरक्षा मानकों को निर्धारित कराये कार्य नहीं कराया जा सकता है।

बुनियादी सुविधाओं जैसे फस्ट एड किट, अग्नि शमन व्यवस्था, शौचालय, स्वच्छ पेय जल आदि की व्यवस्था आवश्यक है। महिलाओं को पुरूषों की अपेक्षा अधिक अधिकार प्राप्त हैं और वे अपने अधिकारों का प्रयोग करके अपने कार्य स्थल पर आसानी से अपने कार्याें का सम्पादन कर सकती है। इसके अतिरिक्त किसी भी कारखानें में या कम्पनी में 14 वर्ष के कम आयु के बच्चों के कार्य कराने वाले मालिकों को भी दण्ड दिया गया है और आगे भी दिया जायेगा। यदि कोई व्यक्ति ओवरटाइम कार्य कराता है तो उसे उसके लिए कामगार को अतिरिक्त भुगतान देना होगा यदि वह ऐसा नहीं करता तो कामगार इसकी भी शिकायत कर सकता है। इस अवसर पर कुल 12 श्रमिकों का पंजीकरण प्रमाण पत्र भी उन्हें वितरित किया गया। प्रमाण पत्र पाने वाले लोगों में पंकज कुमार, मिहीलाल, मो0 अयूब, राम औतार, विनोद, दलगंजन, बुद्धा, धनीराम, मोहनलाल, इन्दलपाल, उमेश, संजय कुमार शामिल रहे।

इस अवसर पर जिला संधारन अधिकारी यशवन्त कुमार द्वारा अपने विचार रखें एवं कामगार श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं के विषय में विस्तार से बताया। श्रम विभाग की ओर से पंजीयन शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें नये मजदूरों का पंजीयन किया गया और पंजीयन के पश्चात उन्हें मिलने वाले सहायता के विषय में जानकारी दी गई।

जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी शरद द्वारा पंजियन कराये गये श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के विषय में विस्तार से बताते हुए यह जानकारी दी गई कि जिन श्रमिकों का पंजीकरण श्रम विभाग द्वारा किया जाता है उनका निःशुल्क बीमा कराया जाता है और सरकार द्वारा उनकी आर्थिक स्थिति की भी सुधार करने का कार्य किया जाता है।

भट्टा एसोशिएसन के अध्यक्ष शेषमणी तिवारी द्वारा भट्टा एसोशिएशन द्वारा श्रमिकों को दिये जाने वाले लाभ एवं कोविड-19 के समय अपने श्रमिकों के लिए किये गये कार्यो के विषय में विस्तार से बताया। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा समय समय पर श्रमिकों के लिए आयोजित किये जाने वाले विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविरों में अपना व अपने एसोशिएशन का आपेक्षित सहयोग देने का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम का संचालन विपिन कुमार सिंह, कार्यालय प्रभारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया। राम लखन श्रीवास्तव द्वारा शिविर में उपस्थित सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया।

विधिक साक्षरता कार्यक्रम में दिये गये विचारों से स्थानीय लोग लाभान्वित हुए और उनके द्वारा पुनः ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने की अपेक्षा की गई।

रिपोर्ट – परमजीत सिंह

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