दिल्ली टेस्ट मैच के प्राइज़ प्रेज़ेंटेशन समारोह में जब रवींद्र जडेजा ‘प्लेयर ऑफ़ द मैच’ का ख़िताब लेने आए तो मंझे हुए कमेंटेटर संजय मांजरेकर भी मुश्किल में नज़र आए.
उन्होंने जडेजा से कहा कि ‘सबसे बड़ी दिक़्क़त मुझे हो रही है कि आपसे क्या नया पूछूं क्योंकि अभी पिछले मैच में ही तो आपको ये अवॉर्ड मिला था और हमने लंबी बातचीत की थी.’
ख़ैर मांजरेकर ने कुछ सवाल दोहराए जिनका जडेजा ने उतना ही छोटा जवाब दिया जितना छोटा अंतर उनके दो गेंदों के बीच होता है.
कहते हैं कि जीत एक आदत होती है और जीतने का खून रवींद्र जडेजा के मुंह लग गया है. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सिरीज़ के पहले दोनों मैचों में उन्होंने बैट और बॉल से शानदार ऑलराउंडर प्रदर्शन करते हुए ‘प्लेयर ऑफ़ द मैच’ के ख़िताब जीते.
भारतीय क्रिकेट में अक्सर रोहित शर्मा, विराट कोहली या रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ियों की गिनती महान क्रिकेटरों में होती है. लेकिन उस लिस्ट में रवींद्र जडेजा को भी शामिल कर लेना चाहिए क्योंकि जिस फ़ॉर्म में वो बैटिंग और बॉलिंग कर रहे हैं, शायद रिटायर होते-होते उनका औसत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर का हो जाए.
आख़िर गेंदबाज़ी में जडेजा की सफलता का राज़ क्या है? ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज़ मार्क वॉ मानते हैं कि गेंदबाज़ी को सिंपल रखना ही उनकी ताक़त है.
वो कहते हैं, “जडेजा विकेट-टू-विकेट बॉलिंग करते हैं और हल्का सा टर्न कराते हैं. पिच मदद करे तो उन्हें खेलना असंभव सा हो जाता है. उनकी कंसिसटेंसी ही उनकी गेंदबाज़ी की कुंजी है.”
जडेजा भी कहते हैं कि ‘वो ज्यादा वेरिएशंस नहीं आज़माते हैं बल्कि सिंपल रखना ही पसंद करते हैं.’ यानी जिन एरिया में उन्हें गेंद डालनी होती है वहां वो लगातार लंबे समय तक डालते रहते हैं.
कहने में ये बड़ा आसान लगता हो लेकिन एक ही चीज़ को बार बार सटीक दोहराना भी बेहद मुश्किल काम है. इस तरह की कंसिसटेंसी के लिए फ़िटनेस का बहुत बड़ा रोल होता है जिसके लिए जडेजा कोई कसर नहीं छोड़ते हैं.
वो कहते हैं कि फ़िट रहने के लिए वो संतुलित खान-पान के अलावा वे वर्कआउट कभी नहीं भूलते और परिवार के साथ खाली टाइम बिताते हैं.
जिस तरह विराट कोहली अपनी फ़िटनेस की वजह से बैटिंग को एक लेवल उपर ले जाते हैं, उसी तरह जडेजा भी अपनी फ़िटनेस की वजह से ही लंबे समय तक बिना थके बैटिंग या बॉलिंग करते हैं.
ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने अभी हाल ही में कहा कि उन्हें सर कहलवाना पसंद नहीं है और सर कहकर लोग उनके काफ़ी मीम बनाने लगते हैं.
हालांकि उनके क्रिकेट के एक पहलू पर ज़्यादा चर्चा नहीं होती, और वो है फ़ील्डिंग. लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि जडेजा पिछले 10 साल से भारत के सर्वश्रेष्ठ फ़ील्डर हैं और दुनिया के टॉप 3 में शामिल हैं.