आर्थिक तबाही से कराह रहे श्रीलंका को उबारने के बाद भारत मानवता की रक्षा के लिए तुर्की और सीरिया का भी खेवनहार बन गया। तुर्की और सीरिया के भूकंप पीड़ितों की आपातकालीन मदद करने के लिए जिस तरह से भारत ने सक्रियता दिखाई वह मिसाल बन गई।
भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा ने कहाकि हमें महामारी के दौरान एहसास हुआ कि हमारी आपूर्ति श्रृंखला चीन पर कितनी अधिक निर्भर है। जब हमने अमेरिकी कंपनियों से अपनी आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने का अनुरोध किया तो भारत हमारा स्वाभाविक भागीदार बना। वे निश्चित रूप से फार्मास्युटिकल (दवा) क्षेत्र में हैं, उनके पास एक परिपक्व फार्मास्युटिकल क्षेत्र है, लेकिन रक्षा उत्पादन में भी, प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों में भी भारत के पास एक बहुत जीवंत तकनीकी क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से एक गुटनिरपेक्ष देश रहा है, लेकिन तेजी से एक बड़ी आर्थिक शक्ति, एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में और समुद्री सुरक्षा पर अमेरिका के साथ काम कर रहा है। इसका व्यापारिक भागीदार बन रहा है।
बेरा को हाल में 118वीं कांग्रेस के लिए हिंद-प्रशांत पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के शीर्ष सदस्य के रूप में चुना गया था। उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हकीम जेफरीज द्वारा खुफिया मामलों से संबंधित प्रतिनिधि सभा की स्थायी चयन समिति में काम करने के लिए भी चुना गया है। भारतीय एअरलाइंस-बोइंग सौदे की हालिया घोषणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल अमेरिका के लिए अच्छा है, बल्कि यह इस बात का उदाहरण भी है कि भारत अपने हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण कर रहा है।