चुनाव आयोग की ओर से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाले धड़े को असली शिवसेना घोषित करने और धनुष-बाण का निशान आवंटित करने के बाद महाराष्ट्र की सियासत ने नया मोड़ ले लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. उनके धड़े के नेता संजय राउत भी लगातार केंद्र पर निशाना साध रहे हैं. रविवार को पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, बीजेपी को लगा वे अकेले सत्ता संभाल लेंगे. मेरे घर गृह मंत्री अमित शाह आए मुझे बातें कीं. उनसे मैंने अपने दिल की बात कही. अपने पिता के आखिरी दिनों की बातों को याद किया और बताया कि मैंने बाला साहेब को वादा किया था कि हमारा मुखमंत्री होगा. तब अमित शाह बोले ठीक है. अब क्या हुआ? अमित शाह के दूध का दूध पानी का पानी वाले बयान पर उन्होंने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट का फैसला बाकी है. पानी नहीं हुआ इन्होंने दूध में नमक डाला है.
सीएम उद्धव ने आगे कहा, जनता को अदालत सबसे बड़ी है. वही लोकतंत्र है लेकिन इन्हें यह मंजूर नहीं. ये सभी भेड़िए हैं, कुता नहीं कह सकता क्योंकि वे वफादार होते हैं. सेंट्रल एजेंसियों को भेड़ियों की तरह छोड़ देते हैं. फिर बोलते हैं मैं अकेला लड़ रहा हूं. आज देश कमज़ोर हो रहा है और यह हम सबका कर्तव्य है कि हम देश को बचाएं. अपने पिता बालासाहेब ठाकरे को याद करते हुए उद्धव ने कहा, आज सब शतरंज बन चुका है. उसमें भी नियम होता था. मेरे पिता ने प्रमोद महाजन को कहा था कि एक दिन देश हिंदू बन कर वोट करेगा. अब हिंदू जाग चुके हैं, जो ऐसे लोगों के लिए खतरा बन सकते हैं तभी उनकी आंखों में धूल झोंकी जा रही है. चुनावों के दौरान सभी मुद्दे आते हैं.
उन्होंने कहा, जिसने मुझे, बाला साहेब को धोखा दिया उनका क्या करना चाहिए. मैं सीएम नहीं बनना चाहता था. कांग्रेस एनसीपी ने कहा कि आप सीएम बनो तभी सरकार बनेगी. अगर ये (बीजेपी) मुझे धोखा नहीं देते तो हो सकता है उनका ही सीएम होता. ठाकरे ने कहा, मुझे नकाब की जरूरत नहीं है. पिता ने सिखाया है कि जैसे हो लोगों के बीच जाओ. कल ये हमारी मशाल भी ले सकते हैं, मैं इसके लिए तैयार हूं. लेकिन इन्होंने हमारी निशानी चुराई है. धनुष चुरा सकते हैं लेकिन दिल में बैठे राम को नहीं.
पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की सोच है कि सभी राज्य मेरे सामने कटोरा लेकर खड़े रहें. इसको हुकुमशाही कहते हैं. जीएसटी जैसा कानून यही है. राज्यों का पैसा अपनी जेब में रख कर किसी राज्य का विकास कैसे होगा. सभी उद्योग राज्य के बाहर ले जा रहे हैं. उद्धव इनके बीच आ रहा है इसलिए उद्धव को उखाड़ फेंको.