बाराबंकी: मानपुर गांव में आयोजित किसान चौपाल में तनुज पुनिया ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया।

बाराबंकी। मोदी सरकार के अहम् ने देश के अन्नदाता को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया हैं। तानाशाही तरीके से संसद में पारित किये गये कृषि कानून किसान की बरबादी के दस्तावेज हैं। चुनाव जीत जाने से किसी को पांच साल मनमानी करने का निरंकुश अधिकार नहीं मिल जाता हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश हैं, कारपोरेट घरानों की जागीर नहीं। 62 करोड़ किसानों के ऊपर कोई भी तानाशाही कानून जिससे उसकी तबाही हो जबरदस्ती नहीं थोपा जा सकता। किसान आन्दोलन आज देश की आवाम की आवाज बन चुका हैं यह आंदोलन क्षेत्र, धर्म, जाति की सीमाऐं पार करके जनआन्दोलन बन चुका हैं, अगर तानाशाह भाजपा सरकार ने किसान के मन की बात नहीं सुनी तो उसे 2022 में प्रदेश से और 2024 में देश से जाना होगा।

उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष तनुज पुनिया ने आज जय-जवान जय-किसान के अन्तर्गत विकास खण्ड मसौली के कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्रपाल वर्मा द्वारा ग्राम रहरामऊ तथा विकास खण्ड हरख में तेज नरायण वर्मा द्वारा मानपुर में आयोजित किसान चौपाल में किसानों के संवाद के दौरान व्यक्त किये।कार्यक्रम का संचालन विधानसभा क्षेत्र जैदपुर के प्रभारी महासचिव के.सी.श्रीवास्तव ने किया।

केन्द्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए तनुज पुनिया ने कहा कि चुनाव के समय किसान की आय दुगुनी करने का हसीन सपना दिखाकर सत्ता में आयी, भाजपा ने देश के किसान की तरफ से अपना मुंह मोड़कर साबित कर दिया हैं कि यह सरकार किसान विरोधी ही नहीं आवाम विरोधी हैं जिसे देश की जनता से प्यार न होकर अपने खरबपति मित्रों से प्यार हैं।

देश की संसद में घड़ियाली आसूं बहाने वाले प्रधानमंत्री की आंखों में 250 से ज्यादा आंदोलन में शहीद हुए किसानों के लिये आसूं नहीं हैं, यह देश की कैसी विडम्बना हैं कि देश की आवाम का पेट भरने वाला किसान आज अपने ही प्रधानमंत्री की बेरूखी, हठधर्मिता के चलते पिछले 85 दिनों से आंदोलनरत् हैं लेकिन उसका हाल पूछने वाला कोई नहीं हैं, सरकार की इस बेरूखी और बेवफाई का जवाब जनता ने देना शुरू कर दिया हैं, पंजाब के नगरीय निकाय के नतीजे भाजपा की तबाही के संकेत हैं। हम सभी कांग्रेसजन अपने किसान भाईयों को इस चौपाल के माध्यम से समझाने आये हैं कि किसान भाईयों का मान, सम्मान जमीन मोदी सरकार में खतरे में हैं, उसको बचाने की लड़ाई में हम आपके साथ हैं, आप हमारा साथ दें।

आयोजित किसान चौपाल में मुख्य रूप से सुरेश चन्द्र वर्मा, गौरी यादव, अजीत वर्मा, मो. आरिफ, पुत्तूलाल वर्मा, शिवनरायण वर्मा, रामकृपाल रावत, जमुना प्रसाद रावत, रामसजीवन रावत, जग प्रसाद वर्मा, इन्द्रराज वर्मा, दीपा रावत, कौशल किशोर वर्मा, शिवशंकर रावत, मो. अल्ताफ, अभय प्रताप सिंह, अनिल गोस्वामी, सच्चिदानन्द वर्मा, जितेन्द्र कुमार वर्मा, रामू यादव सहित सैकड़ो की संख्या में किसान भाई मौजूद रहे।

रिपोर्ट–सरदार परमजीत सिंह

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