वाराणसी। मौनी अमावस्या पर बाबा की नगरी में पूण्य की कामना में हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की मौन डुबकी लगायी।

योग के दुर्लभ संयोग ने आस्थावानों के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया। जिसका नतीजा रहा कि भोर से शुरू हुआ स्नान दान का सिलसिला शाम तक चलता रहा। गंगा के घाटों पर लोगों की अपार भीड़ उमड़ी। स्नान के बाद लोगों ने यथाशक्ति दान कर पर्व की परंपरा का निर्वाह किया। घरों में खिचड़ी बनायी और खायी गयी।

गंगा की ओर जाने वाले हर रास्ते पर लोगों का रेला उमड़ता रहा। सिर पर गठरी लादे गांव-गिरांव से लोग जल्दी से जल्दी घाट पर पहुंचने की कोशिश में लगे थे। दशाश्वमेध, राजेन्द्र प्रसाद घाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट, मीर घाट, अस्सी घाट पर लोगों की भीड़ कुछ अधिक ही रही। लोगों ने स्नान के बाद बाबा दरबार में हाजिरी लगायी। बाबा दरबार में सुबह से ही दर्शनार्थियों की लंबी लाइन लगी रही। कुंभ से लौटने वाले दक्षिण भारतीय श्रद्धालु की संख्या भी खासी रही।

भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने खासे इंतजामात किये थे। घाटों पर सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किये गये थे। गंगा की ओर जाने वाले सभी मार्गो पर वाहनों को प्रतिबंधित किया गया था। गंगा में जल पुलिस के अलावा एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया था।

रिपोर्ट – पुरुषोत्तम सिंह, वाराणसी

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