संसद पर हुए हंगामे के बाद आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा)की मुखिया मायावती ने केंद्र सरकार और विपक्ष पर जमकर हमला बोला और कहा की संसद में जो कुछ भी हुआ, वह नहीं होना चाहिए था।
मायावती ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा,”वैसे तो संसद लोकतंत्र का मंदिर ही कहलाता है।फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है।वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी संसद में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है। वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला है। अति:दुखद।”
रविवार को कृषि बिल विधेयक पारित कराने के दौरान विपक्ष के मेंबर्स ने काफी हंगामा किया था। जिसके क्रम में सरकार ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, डोला सेन, आप पार्टी के संजय सिंह,कांग्रेस पार्टी के राजीव सातव, सैयद नसीर हुसैन, रिपुन बोरा और माकपा के इलावरम करीम, के के रागेश समेत आठ सदस्यों को शेष सत्र के लिए निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनि मत से सदन में पारित कर दिया गया।तत्पश्चात राज्यसभा से निलंबित सदस्य धरने पर बैठ गए।
मंगलवार सुबह धरने पर बैठे सदस्यों के लिए उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह चाय नाश्ता लेकर पहुंचे जिसको उन्होंने करने से इंकार कर दिया। उक्त सदस्यों का अमर्यादित व्यवहार देखते हुए हरिवंश नारायण सिंह ने 24 घंटे का उपवास रखने का ऐलान कर दिया। वैसे अब संसद के निलंबित आठों सदस्यों ने अपना धरना समाप्त कर दिया है।
इनपुट एजेंसी