बहराइच विकास मंच ने मनाई लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती एवं श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि THE INDIAN OPINION


बहराइच विकास मंच ने बहराइच के सेनानी भवन में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144 वी जयंती एवं श्रीमती इंदिरा गांधी की 35 वी पुण्यतिथि मनाई गयी।

बहराइच विकास मंच के अध्यक्ष हर्षित त्रिपाठी की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया
मंच के संरक्षक श्री अनिल त्रिपाठी ने कहा,”सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक नेताओं में से एक थे उन्होंने भारत के आजादी के संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई”

बहराइच विकास मंच के अध्यक्ष हर्षित त्रिपाठी ने कहा, “उनका जन्म 31 अक्टूबर सन 18 सो 75 को गुजरात के नाड़ी याद नामक गांव में हुआ था अक्सर लोग उन्हें सरदार के नाम से संबोधित किया करते थे उन्होंने 22 वर्ष अवस्था में मैट्रिक की परीक्षा पास की थी वह अपने आसपास के लोगों के लिए एक बहुत ही साधारण व्यक्ति थे परंतु उनमें एक मजबूत इच्छाशक्ति भी थी वह एक बैरिस्टर बनना चाहते थे 36 वर्ष की अवस्था में वह अपने इन सपनों को पूरा करने के लिए इंग्लैंड गए और माध्यमिक धर्मशाला मंदिर में प्रवेश किया उन्होंने अपने 36 महीने के कोर्स को सिर्फ 30 महीने में पूरा कर लिया वह भारत में वापस आने के बाद बाद के एक सबसे सफल बैरिस्टर बने”

सेनानी उत्तराधिकारी के प्रदेश महामंत्री श्री रमेश मिश्रा ने कहा,
“भारत की पहली प्रधान महिला प्रधानमंत्री के रूप में पहचान रखने वाली श्रीमती इंदिरा गांधी जी का जन्म देश के प्रति का योगदान देने वाले मोतीलाल नेहरू के परिवार में हुआ था इंदिरा जी के पिता जवाहरलाल एक सूची वकील और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय सदस्य थे नेहरू जी की इकलौती संस्थान थी इंदिरा अपने पिता के बाद दूसरी सर्वाधिक कार्यकाल के लिए कार्यरत रहने वाली प्रधानमंत्री की उस समय भारत के राष्ट्रवाद आंदोलन की एक रणनीति में विदेशी ब्रिटिश उत्पादों का बहिष्कार करना भी शामिल था और उस छोटी सी उम्र में भी डराने विदेशी वस्त्रों की होली जलते देखी थी जिसमें प्रेरित होकर 5 वर्षीय इंदिरा गांधी ने भी अपनी प्यारी गुड़िया जलाने का फैसला किया क्योंकि उनकी वह गुड़िया भी इंग्लैंड ने बनाई गई थी”

मंच के उपाध्यक्ष चौधरी बिरेंदर बाल्मीकि ने कहा,
“जब इंदिरा गांधी 12 वर्ष की थी तो उन्होंने कुछ बच्चों के साथ वानर सेना बनाई और उसका नेतृत्व किया इसका नाम बादल ब्रिगेड रखा गया था जो कि बंदर सेना से प्रेरित”

समाजसेवी मुकेश श्रीवास्तव ने कहा, “इंदिरा ने पूरे विश्वविद्यालय में मैट्रिक पास कर दिया और पश्चिम बंगाल में शांतिनिकेतन से भी जुड़ी शिक्षा हासिल की इसके बाद वह स्विट्जरलैंड और लंदन में तो मेरे बिल्ले में अध्ययन करने गई”

छात्र नेता अभिषेक त्रिपाठी ने कहा, “इंदिरा जब इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्य बने तो उनकी मुलाकात फिरोज गांधी से हुई फिरोज गांधी एक पत्रकार और यूथ कांग्रेस के महत्वपूर्ण सदस्य थे 1948 में अपने पिता की असहमति के बावजूद इंदिरा ने फिरोज गांधी से विवाह कर लिया”

इस मौके पर चंदन शुक्ला पयागपुर या आदित्य भान सिंह मुकेश श्रीवास्तव भानु पीड़ित कपिल उपाध्याय मंदसौर दीक्षित आदि लोग मौजूद रहे

रिपोर्ट – पुरुषोत्तम पाठक, बहराइच