बाराबंकी: बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व न्यायामूर्ति को लिखा पत्र!

बाराबंकी। गरीब तबका वर्तमान कोविड-19 के अन्तर्गत लागू लाॅकडाउन के कारण भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है किन्तु सरकार द्वारा कोई योजना अमल में नहीं लाई जा रही है और न ही इस वर्ग की ओर ध्यान दिया जा रहा है, सबसे ज्यादा गरीब तबका ही कठिनाईयों का सामना कर रहा है। उसके छोटा-मोटा व्यवसाय बंद पड़ा है जिस कारण इस वर्ग के लोग काफी आर्थिक संकट से जूझ रहें है। जनपद बाराबंकी के फुटकर दुकानदार व कचेहरी से जुड़े लोगों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। यह बात जिला बार एसोसिएशन, बाराबंकी के पूर्व महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व न्यायामूर्ति, बार कौंसिल को लिखा पत्र बताई और मांग की कि जल्द से जल्द गरीब तबके के लिए एक योजना बनाकर उनके आर्थिक संकट को सुधारा जाये।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 से जनपद न्यायालय बाराबंकी में विधि व्यवसाय करके हर गरीब अमीर को न्याय दिलाने का कार्य करता चला आ रहा हूँ। विगत कुछ दिनों से कचेहरी के जो हालत है उसको बयां करना चाहता हूँ, हमारी कचेहरी में एक गरीब तबका है जैसे टाइपिस्ट, स्टाम्प वेण्डर, मुंशीगण, जूनियर अधिवक्तागण इनकी जीविका डेली कमाना-डेली खाना है। विगत एक माह से कोरोना महामारी की दूसरी लहर अधिक भयावह आने के कारण कोर्ट कचेहरी का सारा काम धंधा ठप्प पड़ा है। इसलिए मुख्यमंत्री जी से हम निवेदन करते हैं कि कोर्ट कचेहरी के इस गरीब तबके की जीविका के लिए भी कोई योजना अति शीघ्र बनाई जाये क्योंकि जो मुंशीगण है वह रोज 100-200 कमा करके अपना व अपने परिवार का जीवन यापन करते थे, लेकिन लाॅकडाउन के कारण उनकी आमदनी बंद पड़ी है। वही जूनियर अधिवक्ता जो अपना व अपने परिवार का जीवन यापन करते थे वह भी काफी परेशान है। कचेहरी के स्टाम्प वेण्डर व टाइपिस्ट भी काफी परेशान हैं। अन्य कम पूंजी वाले लोगों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है।

श्री वर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग किया कि गरीब तबके की तरफ भी ध्यान दिया जाये अन्यथा हाइकोर्ट में पी0आई0एल0 दाखिल की जायेगी और न्याय पालिका को न्याय संगत आदेश सरकार को देना पड़ेगा फिर आप उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जायेंगे और उसमें कहेंगे कि कार्यपालिका को अपना कार्य करने दे उसमें न्याय पालिका कोई हस्तक्षेप न करें, ऐसी स्थिति न आवे। आप भी एक इंसान हैं, इस समय प्रदेश के मुखिया हैं आपकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है, हर गरीब अमीर के जीवन बचाने के लिए प्रयास करना होगा। अगर सरकार द्वारा कोई शीघ्र योजना नहीं बनाई गई तो एक बड़ा सा आक्रोश उत्पन्न हो जायेगा हो सकता है कि भविष्य में इसका दुष्परिणाम भी सामने आवे।

रिपोर्ट- योगेश तिवारी

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