विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने शुक्रवार को गुटनिरपेक्ष आंदोलन कि मंत्रीस्तरीय बैठक की जिसमें उन्होंने कहा कि इस साल ऐतिहासिक बांडुंग सम्मेलन की 65 वीं वर्षगांठ है और संयुक्त राष्ट्र को भी इस वर्ष 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
उक्त के क्रम में विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद और उसके सहयोगियों ने आतंकवाद को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। साइबर सुरक्षा संबंधी खतरों और सीमांत प्रौद्योगिकियों के असमान प्रभाव से क्षेत्र में काफी अशांति का माहौल है।दुनिया की अधिकांश जनसंख्या के लिए विकास का मुद्दा सबसे मुख्य है।उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी ने हम लोगों को एक दूसरे पर निर्भरता और सहयोग का पाठ पढ़ाया है।हम यह जंग अकेले नहीं लड़ सकते थे,बिना एक दूसरे के सहयोग के हम इस महामारी से नहीं उभर सकते थे।
वैसे गुट-निरपेक्ष आंदोलन की स्थापना 1961 में हुई थी।गुट-निरपेक्ष आंदोलन बांडुंग सिद्धांतों पर आधारित है जो कि 1955 में बेलग्रेड शिखर सम्मेलन,एफ्रो एशियाई सम्मेलन में अपनाया गया था।भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन का शिखर सम्मेलन का संस्थापक सदस्य है।
उन्होंने आगे बताया की गुट-निरपेक्ष आंदोलन का उद्देश्य कभी भी किसी दूसरे राज्य द्वारा किसी राज्य की क्षेत्रीय अखंडता को न कभी कम करना था और न ही कभी ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो मुद्दे एजेंडे में शामिल नहीं है उनको उठाने से पहले व्यक्तिगत सदस्यों को सोचना चाहिए।
इनपुट संवाद