विवादित ढांचा ध्वंस का फैसला: विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने इन आधारों पर दिया फैसला, सभी आरोपी हुए बरी!

सीबीआई कोर्ट ने 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले में सभी आरोपियों को निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया है।

अदालत ने सीबीआई के आरोपों को खारिज करते हुए सबूतों और गवाहों की पड़ताल पर यह निर्धारित किया की विवादित ढांचा गिराए जाने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी सभी कारसेवकों राम भक्तों को एक हाथ में जल और एक हाथ में फूल लाने के निर्देश धर्मगुरुओं और धार्मिक नेताओं के द्वारा दिए गए थे अचानक भीड़ अनियंत्रित होने से घटना हुई इसमें साजिश की बात सामने नहीं आ पाई।

सीबीआई द्वारा पेश किए गए सबूतों में यह स्पष्ट नहीं हुआ कि  योजनाबद्ध तरीके से विवादित  ढांचे  को तोड़ा गया विशेष कोर्ट के न्यायमूर्ति एस के यादव ने ऐतिहासिक फैसले में कहा की सभी आरोपियों को बरी किया जाता है क्योंकि किसी भी आरोपी के खिलाफ  सबूत नहीं है जो भी तथ्य उपलब्ध हैं उनसे यही पता चलता है कि यह घटना अचानक हो गई इसके लिए पहले से कोई आपराधिक साजिश नहीं की गई थी

क्योंकि  विवादित ढांचे के अंदर ही राम लला की मूर्तियां रखी थी इसलिए अशोक सिंघल समेत कई नेताओं ने प्रयास किया कि ढांचा ना तोड़ा जाए क्योंकि ढांचा टूटने से मूर्तियां भी क्षतिग्रस्त हो सकती हैंl
इस मामले में सीबीआई के द्वारा कुल 49 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिनमें 17 लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है और इस समय 32 लोग जीवित हैंl

सीबीआई कोर्ट के फैसले से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह भाजपा सांसद लल्लू सिंह और भाजपा सांसद साक्षी महाराज को भी राहत मिल गई है क्योंकि यदि इन्हें सजा सुनाई जाती तो इनकी लोकसभा सदस्यता रद्द हो जाती l

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