बाराबंकी: प्रदेश में 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों व कर्मचारियों को पुरानी पेंशन, फ्रीज मंहगाई भत्ते के एरियर, रिक्त पदों के सापेक्ष समयवद्ध प्रमोशन, कैशलेश चिकित्सीय सुविधा व बीमा धनराशि बढ़ाने जैसी सामूहिक समस्याओं को लेकर शिक्षक व कर्मचारी संगठनों द्वारा अलग अलग आंदोलन करने की बजाय अब संयुक्त रूप से एक साथ आंदोलन किया जाएगा, इसकी रणनीति शीघ्र ही तय होगी। इस आशय की जानकारी देते हुए यूटा के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार ने बताया है कि बेसिक शिक्षा के नियंत्रणाधीन कार्यरत शिक्षकों के हितों के लिये संघर्षशील शिक्षक संगठन यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर के प्रस्ताव के क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य संयुक्त कर्मचारी परिषद ने अब यूटा को सम्बद्धता प्रदान कर दी है।
यूटा को परिषद से सम्बद्धता प्रदान करने के बाबत पत्र निर्गत करते हुए परिषद के प्रांतीय महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा है कि अब प्रदेश के कर्मचारियों व शिक्षकों के हक की लड़ाई वह एक मंच से लड़ेंगे। उन्होंने परिषद के सभी जिलास्तरीय पदाधिकारियों से आपसी संपर्क स्थापित कर मंच को प्रभावी गति देने की अपील की है। यूटा के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर, प्रदेश कोषाध्यक्ष वीपी बघेल व संगठन मंत्री यादवेन्द्र शर्मा ने परिषद के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया है कि वे जल्द ही समस्त जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर सामूहिक मुद्दों पर संयुक्त लड़ाई लड़ने की योजना बनाएंगे।
यूटा के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार, जिला महामंत्री सत्येंद्र भास्कर, जिला कोषाध्यक्ष पूर्णेश प्रताप सिंह, जिला संगठन मंत्री दीपक मिश्र, जिला आडिटर आशीष शुक्ला, प्रदीप श्रीवास्तव, राकेश कौल सहित अन्य पदाधिकारियों का कहना है कि शासन के कार्मिक विभाग से मान्यता प्राप्त एवं समस्त राजकीय विभागों के कर्मचारियों के हित के लिये कार्यशील राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद से सम्बद्धता मिलने के बाद अब यूटा “एक और एक ग्यारह” की स्थिति में काफी मजबूती के साथ शिक्षकों की हर समस्या के लिये शासन तक संघर्ष करेगा।
रिपोर्ट – ब्यूरो बाराबंकी