सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक 21 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में स्कूलों को विद्यार्थियों के लिए फिर से खोला गया है।6 महीने के लंबे इंतजार के बाद कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक के लिए स्कूल खोले गए हैं।बच्चे फेस मास्क लगाकर स्कूल पहुंचे हैं।एक तरफ तो जहां बच्चों को अपने दोस्तों से मिलने और खेलने-कूदने का मौका मिला है दूसरी तरफ अभिभावक को महामारी के चलते भय भी सता रहा है। स्कूल खोलने की इजाजत देने वाले राज्यों में असम,जम्मू कश्मीर,हरियाणा और कर्नाटक शामिल है।
गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक सभी छात्र व छात्राएं अपने अभिभावकों का सहमति पत्र लेकर स्कूल आएंगे।बिना सहमति पत्र के स्कूल में प्रवेश नहीं होगा।स्कूलों के लिए यह छूट कंटेनमेंट जोन वाले क्षेत्रों के लिए नहीं है सिर्फ कंटेनमेंट जोन के बाहर के स्कूल ही खोले जा सकेंगे।अगर आपके बच्चों का स्कूल कंटेनमेंट जोन में है या आपका घर कंटेनमेंट जोन में है,तो आपके बच्चे को स्कूल जाने की इजाजत नहीं होगी।
प्राप्त सूचनाओं से मालूम हुआ कि आठवीं क्लास तक के 50 फ़ीसदी कर्मचारी हर दिन स्कूल आएंगे।जबकि 9वीं से 12वीं तक के 50 फ़ीसदी छात्र स्वेच्छा से उपस्थित हो सकते हैं।यह अभिभावकों को तय करना है कि वह अपने बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति देते हैं या नहीं। इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाएं और डिजिटल एजुकेशन जारी रहेगी।
स्कूल में छात्रों,शिक्षकों और अन्य स्टाफ को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।क्लास में भी इसी तरह के सभी नियम लागू होंगे।यह सभी नियम सभी शिक्षण संस्थानों पर समान रूप से लागू है।
इस संबंध में अभी उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।बेसिक मंत्री ने जरूर कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से स्कूल 21 सितंबर से नहीं खुलेंगे।
एजेंसी