2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी पार्टियां जहां अभी तक खुद को तैयार नहीं कर पाई हैं और आपसी कलह से जूझ रही हैं वहीं भाजपा ने एक बार फिर यूपी की गद्दी पर अपना कब्जा बनाने के लिए चुनावी रणनीतियों पर काम शुरू कर दिया हैl
कुर्मी समाज के बड़े नेता और सभी वर्गों में लोकप्रिय विद्यार्थी परिषद और आरएसएस में कई दशकों तक जमीनी स्तर पर काम कर चुके स्वतंत्र देव सिंह को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष घोषित किया हैl
गौरतलब है कि महेंद्र नाथ पांडे के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्र में कौशल विकास मंत्री बना दिया गया जिसके बाद उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष भाजपा का पद खाली चल रहा था लंबे समय से इस पद पर किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश थी जो एक बड़े वोट बैंक का प्रतिनिधि हो और सभी वर्गों में अच्छी छवि रखता होl
प्रदेश में पिछड़े वर्गों में मजबूत पकड़ रखने वाले स्वतंत्र देव सिंह कुर्मी समाज के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं इसके अलावा कई दशकों तक उन्होंने विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में स्वयंसेवक के तौर पर काम भी किया है जिसकी वजह से आरएसएस उनके नाम के समर्थन में थीl
प्रदेश में बड़ी संख्या में विधानसभा सीटों पर कुर्मी मतदाता निर्णय की स्थिति में है और स्वतंत्र देव सिंह को कुर्मी समाज का प्रभावशाली नेता माना जाता है इसके अलावा पिछड़े वर्गों की सभी जातियों में और सामान्य वर्गों में भी लोग उन्हें पसंद करते हैंl
मिशन 2022 की तैयारी में भाजपा अभी से जुट गई है और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर स्वतंत्र देव सिंह को बैठा कर मिशन 2022 की औपचारिक शुरुआत भी कर दी गई है l
स्वतंत्र देव सिंह संगठन के विशेषज्ञ माने जाते हैं और चुनावी प्रबंधन में उन्हें अच्छा अनुभव है इसके पहले केशव मौर्या को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी पिछड़े वर्गों को पार्टी से जोड़ने में अपनी रणनीति को सफल बनाया था लक्ष्मीकांत वाजपेई के बाद केशव मौर्य और महेंद्र नाथ पांडे के बाद स्वतंत्र देव सिंह पर दांव आजमा कर भाजपा ने सभी वर्गों को चुनावी समीकरण में सिद्ध करने का दांव चला हैl
स्वतंत्र देव सिंह के करीबी बाराबंकी निवासी लवकुश सिंह वर्मा कहते हैं ,”स्वतंत्र देव सिंह न सिर्फ कुर्मी समाज के बड़े नेता हैं बल्कि सभी पिछड़े वर्गों में और सामान्य वर्गों में भी उनकी मजबूत पकड़ है और सर्व समाज के लोगों से उनका जुड़ाव है ऐसे में भाजपा के इस फैसले का लाभ विधानसभा चुनाव में जरूर मिलेगाl”
द इंडियन ओपिनियन के लिए देवव्रत शर्मा की रिपोर्ट