रिपोर्ट – दीपक मिश्रा
कोरोना संकट में देश के अलग-अलग इलाकों से लोग वापस अपने गांव अपने घर पहुंच रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश के छतरपुर के बिजावर इलाके में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है।
यहां के आदिवासी परिवार का बेटा 3 साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया था गांव के जंगल में उसका शव बरामद हुआ था।
लाश की हालत इतनी खराब थी कि उसे पहचानना मुश्किल था लाश कंकाल के रूप में बरामद हुई थी परिजनों ने यह समझा कि बेटे को कोई जानवर खा गया है और उसके उसी शव अवशेष को अंतिम संस्कार करके खुद को समझा लिया।
लेकिन कोरोनावायरस के संकट में इस परिवार को उनका बेटा वापस दिला दिया भगोले आदिवासी का बेटा विनय आदिवासी अब घर लौट आया है।
परिजनों के मुताबिक परिवार में हुई कहासुनी से नाराज होकर उनका बेटा विनय आदिवासी 3 साल पहले हरियाणा के गुरुग्राम चला गया था और वही किसी प्राइवेट कंपनी में काम करने लगा था।
मजदूरी करने के दौरान कोरोनावायरस फैल गया और लॉक डाउन हो गया जिसके चलते विनायक वहां दिक्कत होने लगी जब वहां खाना पीना नहीं मिला तो किसी तरह भाग के अपने गांव पहुंच गया पुलिस भी अब इस मामले को देखकर हैरान है और अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि जिस शव का परिजनों ने अंतिम संस्कार किया था वो किसका था?
पुलिस अब नए सिरे से मामले की जांच कर रही है।