रिपोर्ट – मोहम्मद शकील
द इंडियन ओपिनियन
बाराबंकी

जनपद में धान क्रय (खरीद) प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूरे जिले में बड़ी संख्या में खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिला मुख्यालय के निकट गोंडा राजमार्ग स्थित मंडी में क्रय केंद्र बनाए गए हैं, वहीं सफदरगंज मंडी में भी किसानों के धान की तौल के लिए सात क्रय केंद्र खोले गए हैं — जिनमें पाँच मार्केटिंग विभाग के, एक मंडी समिति का तथा एक भारतीय खाद्य निगम (FCI) का केंद्र शामिल है।

बाराबंकी के जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी किसानों की समस्याओं को लेकर विशेष रूप से संवेदनशील हैं। उन्होंने हाल ही में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि “धान खरीद प्रक्रिया शासन की मंशा के अनुरूप पारदर्शी और सुचारु रूप से संचालित की जाए। किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो तथा उनके भुगतान में अनावश्यक विलंब न किया जाए।”
जिलाधिकारी स्वयं विभिन्न धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण भी कर रहे हैं ताकि व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन किया जा सके।

इस वर्ष सरकार ने किसानों के हित में धान के समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की है। ग्रेड ए धान का समर्थन मूल्य ₹2,389 प्रति क्विंटल तथा सामान्य धान का ₹2,369 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
द इंडियन ओपिनियन टीम ने जिले के कई केंद्रों का निरीक्षण कर धान खरीद की स्थिति का जायजा लिया। शुरुआती चरण में कुछ केंद्रों पर तकनीकी या व्यवस्थागत चुनौतियाँ दिखीं, परंतु मंडी स्थित केंद्रों पर खरीद कार्य सुचारु रूप से प्रारंभ हो गया है।
बाइट – राकेश उपाध्याय (प्रभारी) धान क्रय केंद्र सफदरगंज मंडी
सफदरगंज मंडी केंद्र के प्रभारी राकेश उपाध्याय ने द इंडियन ओपिनियन से बातचीत में बताया कि, “किसानों के द्वारा धान की तौल प्रारंभ कर दी गई है। शासन द्वारा निर्धारित सभी सुविधाएँ किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। आने वाले दिनों में खरीद प्रक्रिया में और तेजी आएगी।”
केंद्र प्रभारी श्री उपाध्याय ने किसानों से अपील की कि वे “बिचौलियों और आढ़तियों को कम कीमत पर धान बेचकर अपना नुकसान न करें। सरकारी क्रय केंद्रों पर ही समर्थन मूल्य पर धान बेचें और सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ उठाएँ। यदि किसी किसान को किसी प्रकार की समस्या या असुविधा हो, तो वह केंद्र प्रभारी या जिला स्तरीय अधिकारियों से सीधे संपर्क कर सकता है। प्रशासन का पूरा प्रयास है कि किसानों को सभी केंद्रों पर समुचित सुविधाएँ मिलें और उन्हें कहीं भागदौड़ न करनी पड़े।”