आपके बच्चे नहीं सुरक्षित,स्कूल बस- वैन में भी दुष्कर्म,अधिकारियों ने बताया क्या करें पेरेंट्स?

Deepak Kumar
The Indian opinion

कभी बाराबंकी कभी कानपुर कभी धनबाद ,देश में आए दिन मासूम बच्चे दरिंदो का शिकार हो रहे हैं सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों के अंदर देश में ऐसी एक दर्जन से अधिक घटनाएं हुई हैं जब स्कूल वैन या स्कूल बस में जाने वाली छोटी बच्चियों के साथ वैन चालक या बस चालक ने दुष्कर्म किया है ।

बाराबंकी में पिछले दिनो ऐसी दो घटनाएं होने से लोगों की आत्मा कांप उठी है वह माता-पिता बहुत परेशान है जिनके छोटे बच्चे स्कूल बस और वैन से पढ़ने जाते हैं । इतना ही नहीं स्कूलों के अंदर भी बच्चों के साथ कुछ गलत ना हो इस बात की चिंता माता-पिता को रहती है । आखिर कैसे अपने मासूम बच्चों को गंदे लोगों के चंगुल से बचाए ?

इस बारे में इंडियन ओपिनियन ने उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी और बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह से चर्चा की। अनुभवी पुलिस अधिकारी दिनेश कुमार सिंह कहते हैं “माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी ऐसे व्यक्ति के साथ अपने बच्चों को कहीं ना भेजें जो विश्वसनीय ना हो अथवा जिसका व्यवहार थोड़ा सा भी संदिग्ध हो घरेलू नौकर हो या फिर स्कूल वैन के संचालक उनकी पूरी जानकारी होनी चाहिए और पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाना चाहिए इतना ही नहीं स्कूल के प्रबंधकों को भी यह ध्यान देना चाहिए कि जो भी चालक स्कूल वाहन चलते हैं उनका पूरा वेरीफिकेशन हो स्कूल वैन और स्कूल बस में एक महिला सहायिका भी होनी चाहिए जो छात्राओं का ध्यान रखें बच्चों को किसी भी हालत में केवल ड्राइवर के भरोसे ना भेजा जाए इस बात के निर्देश सभी स्कूलों को है। सभी स्कूल बस और वैन में सीसीटीवी कैमरा भी होना चाहिए इस बात के भी निर्देश हैं। व्यक्तिगत सावधानी सबसे जरूरी है किसी भी वाहन चालक की गतिविधियां संदिग्ध लग तो तुरंत पुलिस को सूचित करें बच्चों को भी गुड टच और बैड टच के बारे में लोगों के व्यवहार के बारे में जागरूक करें उनकी काउंसलिंग करें उनसे प्रतिदिन बातचीत करें जिससे वह खुलकर अपनी हर समस्या आपसे शेयर कर सके। पुलिस हर ऐसी सूचना को गंभीरता से लेती है और त्वरित कार्रवाई करती है बाराबंकी में ऐसे दो मामले हुए थे दोनों में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है स्कूल प्रबंधकों की भी लापरवाही की जांच की जा रही है।”

एस पी दिनेश कुमार सिंह

दरअसल पुलिस विभाग घटना का एक पक्ष है परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग भी स्कूल और स्कूल वाहन से जुड़े विषयों में बड़ी भूमिका रखते हैं हमने बाराबंकी की एआरटीओ अंकिता शुक्ला से भी इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया की उनके द्वारा अभियान चलाकर ऐसे स्कूल वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जिनका फिटनेस नहीं सही है अथवा उनके वाहन चालक के पास सही ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है अंकिता शुक्ला ने बताया कि “ऐसे सैकड़ो स्कूल वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है और आगे भी अभियान चलता रहेगा।”

RTO अंकिता शुक्ला

इसके बाद द इंडियन ओपिनियन की टीम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष देव पांडे से भी बात की बाराबंकी के बीएसए ने बताया की “जिले के सभी विद्यालय संचालकों को इस बात की हिदायत दी गई है कि वह यह सुनिश्चित करें कि उनके स्कूल से जुड़े जो भी वाहन है वह सारे मानक पूरे करें और बच्चों को किसी भी तरह की असुविधा होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सभी संस्थाओं में कार्यस्थलों पर विशाखा कमेटियों का गठन किया गया है कहीं भी किसी बच्ची छात्रा अथवा कार्य करने वाली महिला के साथ गलत व्यवहार होता है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी”

बीएसए संतोष देव पांडे

इस मुद्दे पर थे इंडियन ओपिनियन ने जिला विद्यालय निरीक्षक का भी दरवाजा खटखटाया डीआईओएस ओपी त्रिपाठी ने बताया कि ने बताया “जिले में पिछले कुछ दिनों के भीतर बच्चों के साथ दुष्कर्म की दो घटनाओं ने उन्हें भी बहुत दुखी कर दिया है समाज कहां जा रहा है यह सोचना होगा हमारे समाज के अंदर छिपे हुए राक्षसों को हमें ढूंढ कर उनका इलाज करना होगा इसके लिए शासन की मंशा के अनुसार कार्य किया जा रहा है सभी विद्यालय संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय परिसर के अंदर यदि किसी बच्चे के साथ कोई भी गलत व्यवहार होता है तो विद्यालय प्रबंधन तंत्र की पूरी जिम्मेदारी होगी इसके अलावा विद्यालय से जुड़े वाहनों में स्कूल वैन या स्कूल बस में बच्चों को सुरक्षित रखने का पूरा दायित्व संचालन करने वाली संस्था बस के चालक और परिचालक का होगा।”

Dios ओपी त्रिपाठी

अधिकारियों ने निर्देश जारी कर दिए जो घटनाएं सामने आई उसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो गई लेकिन आगे ऐसी घटनाएं न हो इसके लिए क्या होगा ?
क्या बाराबंकी में होने वाली दो बड़ी घटनाओं के बाद स्कूलों का रवैया कुछ बदला है ?
क्या लड़कियों को ले जाने वाले स्कूल वाहन में महिला सहायक की ड्यूटी लगाई गई है?
इन सारे विषयों की पड़ताल करने के लिए हमारी टीम ने कई स्कूल वैन की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की किसी भी स्कूल वैन में महिला सहायक नहीं मिली जबकि छात्राएं बैठी हुई थी कुछ छात्राओं से बात करने पर यह पता चला कि स्कूल के अंदर तो महिला सहायक रहती हैं लेकिन स्कूल वैन के अंदर कोई महिला सहायक नहीं है जबकि ऐसे निर्देश सभी स्कूलों को पहले ही दिए जा चुके हैं यानी अभी भी बच्चों की बच्चों की सुरक्षा से एक बड़ी लापरवाही अभी भी हो रही है

पूरे समाज के लिए यह चिंतन का विषय है कि क्यों ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं लोगों के भीतर यौन कुंठा इतनी अधिक बढ़ती जा रही है कि वह छोटे बच्चों को भी शिकार बना रहे हैं लोगों का बिगड़ा यौन व्यवहार समाज में हिंसा और अपराध को बढ़ावा दे रहा है सरकार को इसके लिए व्यापक अध्ययन करवाना चाहिए और समाज में लोगों के बीच बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति और यौन अपराधों की प्रवृत्ति पर मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक दृष्टि से भी नियंत्रण के प्रयास होने चाहिए।

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