भारत के समुद्री इतिहास में अब तक के सबसे बड़े जहाज ‘आईएनएस विक्रांत’ को शुक्रवार को भारतीय नेवी को सौंप दिया गया। सबसे बड़े जहाज होने के साथ ही ‘आईएनएस विक्रांत’ पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा “मुझे यह भी उम्मीद है कि यह आईएनएस विक्रांत पीएम मोदी को चीन के बारे में बोलने का साहस देगा, जिसने हमारे क्षेत्र के 10 गांवों पर कब्जा कर लिया है। ओवैसी ने कहा हमें तीसरे वाहक विमान की जरूरत है, लेकिन वह (पीएम मोदी) अनुमति नहीं दे रहे हैं। हमें 200 जहाजों की जरूरत है, लेकिन हमारे पास केवल 130 जहाज हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यहां भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ का जलावतरण किया। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं। INS विक्रांत के अलावा INS विक्रमादित्य भी भारत के पास है। INS विक्रांत के आने से हिंद महासागर में भारत की ताकत बढ़ गई है।
इस जहाज का नाम नौसेना के एक पूर्व जहाज ‘विक्रांत’ के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। यह देश में बने ‘एडवांसड लाइट हेलीकॉप्टर’ (एएलएच) के अलावा मिग-29के लड़ाकू विमान सहित 30 विमान संचालित करने की क्षमता रखता है।
ब्यूरो रिपोर्ट ‘द इंडियन ओपिनियन’