उत्तर प्रदेश में बिजली के बिल की गड़बड़ियों से लगातार उपभोक्ता बेहाल हैं बढ़ती जा रही शिकायतों से ऊर्जा मंत्री भी नाराज होकर कई बार निर्देश दे चुके हैं लेकिन उनके निर्देशों की सुनवाई नहीं हो रही।
बुधवार को ऊर्जा मंत्री ने लखनऊ यूनिवर्सिटी डिवीजन का औचक निरीक्षण किया और यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देशित किया कि बिलिंग एजेंसियों के कामकाज का हर दिन आडिट किया जाए उपभोक्ताओं को सही समय पर हर महीने बिल उपलब्ध कराया जाए लेकिन मंत्री जी यह निर्देश पिछले कई वर्षों से लगातार जारी कर रहे हैं परंतु इन निर्देशों का धरातल पर पालन नहीं हो रहा है।
ज्यादातर उपभोक्ताओं को समय पर बिजली का बिल अभी भी नहीं मिल पा रहा है जिसकी वजह से जब बिल बहुत ज्यादा हो जाता है तो उपभोक्ताओं को बिल भेजा जाता है भारी सरचार्ज और ब्याज लगाकर बिल भेजे जाने से उपभोक्ता परेशान हैं और सरकार की छवि खराब हो रही है महंगी बिजली को लेकर उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर हैं लेकिन विभाग मंत्री के निर्देशों की लगातार अवहेलना कर रहा है।
मंत्री जी कहते हैं कि सभी उपभोक्ताओं के मीटर की प्रतिमाह रीडिंग सुनिश्चित की जाए और महीने की 20 तारीख तक सभी उपभोक्ताओं को रीडिंग के अनुसार उचित बिल मिल जाए लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं हो पा रहा है।
खुद विभाग के सूत्र बताते हैं कि केवल 34% उपभोक्ताओं को ही बिल दिए गए हैं साफ जाहिर है कि उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग पर अपना नियंत्रण कायदे से स्थापित नहीं कर पाए हैं जबकि सरकार का कार्यकाल पूरा होने वाला हैl
द इंडियन ओपिनियन
लखनऊ