वाराणसी से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार शालिनी यादव का जुलूस सुबह नगर निगम से निकला। जुलूस जब तक नामांकन के लिए कलेक्ट्रेट तक पहुंचता तब तक पता चला कि पार्टी ने उनका टिकट काट कर BSF में घटिया दाल-रोटी की शिकायत का वीडियो बनाकर वायरल करने पर बर्खास्त हुए तेज बहादुर यादव को पार्टी का उम्मीदवार बना दिया है। बता दें कि सुबह शालिनी यादव के साथ सपा और बसपा के नेताओं का भी हुजूम एक साथ उमड़ा था। सपा राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से फौरी तौर पर आश्वस्त किए जाने पर घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव के नामांकन की तैयारियों को एक दिन पूर्व अंतिम रूप दे दिया गया। समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी शालिनी यादव कांग्रेस का साथ छोडकर कुछ ही दिनों पूर्व सपा में शामिल हुई हैं।
हालांकि, चर्चा यह भी पहले से थी कि बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव भी सपा की ओर से नामांकन दाखिल कर रहे हैं। मगर सपा महानगर अध्यक्ष आरके जायसवाल ने जागरण को बताया कि शालिनी भी सिंबल पर ही पर्चा दाखिल करने जा रही हैं। मगर दोपहर बाद पार्टी की ओर से नामांकन की स्थिति स्पष्ट होने पर पार्टी कार्यकर्ता भी असमंजस में नजर आए। इससे पूर्व सोशल मीडिया पर तेज बहादुर यादव की एक फोटो भी सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ चर्चा में आने के बाद ही उनके सपा की ओर से मैदान में उतरने की सुगबुगाहट तेज हो गई थी। इसके बाद ही तेज बहादुर के सपा की ओर से चुनाव लडने की जानकारी तेजी से फैली, इसको लेकर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच काफी चर्चा भी रही।
वहीं सुबह तक शालिनी यादव का ही नाम अंतिम तौर पर चल रहा था। लिहाजा सुबह से उनके जुलूस में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजपादी पार्टी के कार्यकताआें का हुजूम शामिल हुआ। नामांकन जुलूस में गठबंधन की दोनों ही पार्टियों के झंडे कार्यकर्ता लेकर चलते नजर आए। सपा- बसपा गठबंधन के क्रम में वाराणसी सीट सपा के हिस्से में आई थी। महानगर अध्यक्ष राजकुमार जायसवाल के अनुसार सोमवार सुबह आठ बजे इसके लिए सिगरा पर नगर निगम के सामने सपा-बसपा समेत सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं की जुटान हुई थी। इसके बाद सुबह नौ बजे से जुलूस कलेक्ट्रेट के लिए रवाना किया गया। मगर नामांकन स्थल तक पहुंचते पहुंचते टिकट कटने की जानकारी होने से कार्यकर्ता भी असमंजस में पड़ गए।
हालांकि इससे एक दिन पूर्व बनारस संसदीय सीट पर गठबंधन की ओर से उम्मीदवारी के लिए एक बाहुबली का नाम उछलने और तेज बहादुर यादव के समर्थन की बातों से रविवार का दिन समाजवादी पार्टी के लिए संशय भरा रहा। इससे पूरे दिन पदाधिकारियों से लेकर कार्यकर्ताओं तक के कान लखनऊ की ओर कान लगे रहे, हालांकि शालिनी यादव के नामांकन जुलूस निकलने के बाद स्थिति स्पष्ट हुई मगर दोपहर बाद जुलूस निकलने के बाद असमंजस की स्थिति तब बन गई जब पता चला कि अंतिम समय में उनका टिकट काट कर तेज बहादुर यादव को दे दिया गया है।