*हजारों सैनिकों की मां, परम वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का निधन, गाजीपुर समेत देश में शोक की लहर।The Indian opinion*


1962 में चीन के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ने वाले वीर अब्दुल हमीद 1965 में परमवीर कहलाए जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी जबरदस्त देशभक्ति और बहादुरी का प्रदर्शन किया।

अपने साधारण हथियारों से अमेरिका में निर्मित पाकिस्तान के कई पैटन टैंकों को बर्बाद करके जंग का रुख भारत के पक्ष में मोड़ने में अब्दुल हमीद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और मातृभूमि की सेवा में वीरगति को प्राप्त किया था इसीलिए भारत सरकार ने सेना का सर्वोच्च सम्मान देकर अब्दुल हमीद की वीरता को नमन किया था उन्हें परमवीर चक्र मरणोपरांत दिया गया था।

परम वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का आज गाजीपुर में उनके पैतृक गांव धामपुर में निधन हो गया रसूलन विवि की उम्र लगभग 95 वर्ष थी पिछले दिनों उन्होंने अपने पति के निधन के बाद भी आजीवन देश सेवा के लिए युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया वह लगातार सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होती थी कई मुख्यमंत्रियों और प्रधानमंत्रियों ने उन्हें सम्मानित भी किया।

रसूलन बीबी हिंदू मुसलमान सभी नौजवानों को हमेशा देश की सेवा के लिए प्रेरित करती थी उनके मुताबिक देश सेवा से बड़ा ना कोई मजहब है ना कोई धर्म है।

परम वीर अब्दुल हमीद के बलिदान की वजह से उनके परिवार में कई लोगों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है। क्षेत्र के हजारों फौजी उन्हें अपनी मां मानते थे और उनसे मिलने आते थे पिछले दिनों सेना अध्यक्ष बिपिन कुमार रावत भी रसूलन बीबी से मिलने उनके गांव गए थे और उन्होंने रसूलन बीवी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था।

पूरे गाजीपुर जनपद में ही नहीं पूरे प्रदेश में उनके परिवार का बहुत सम्मान है।

रसूलन बीबी के निधन से के पूरे गाजीपुर क्षेत्र में ही नहीं पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई और बड़ी संख्या में लोग रसूलन बीबी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए के लिए वहां पहुंच रहे हैं।

रिपोर्ट – मोहम्मद शकील