अब सांडों की नसबंदी कराएगी योगी सरकार,इन अधिकारियों को सौंपा गया बड़ा टारगेट!The Indian opinion


निराश्रित पशुओं की वजह से बड़े पैमाने पर किसानों की फसलें खराब होती हैं सड़कों पर घूमते निराश्रित पशु दुर्घटनाओं और गंदगी का भी कारण बनते हैं इसके अलावा प्लास्टिक और हानिकारक कूड़ा कचरा खाकर निराश्रित पशु बीमार भी होते हैंl

इन सारी समस्याओं का निराकरण करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लिया है मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव को इस बात के निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में इधर-उधर घूमने वाले निराश्रित बछड़ों और सांडो की गणना की जाए और उनकी नसबंदी यानी बधिया करण किया जाए जिससे अनावश्यक गोवंश पशुओं की जनसंख्या पर रोक लगाई जा सके l

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन विभाग को इसके लिए एक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए हैं और राजधानी लखनऊ समेत बड़े शहरों में पहले यह कार्य योजना लागू की जाएगी जिसके बाद पूरे प्रदेश में यह कार्य योजना लागू की जाएगीl

इसके लिए एक अभियान चलाकर पहले निराश्रित सांडों का पता लगाया जाएगा उनकी गणना की जाएगी और उसके बाद आधुनिक चिकित्सा पद्धति के जरिए पशुपालन विभाग पशु चिकित्सकों के कैंप लगाकर पूरे प्रदेश में इस बड़े अभियान को संचालित करेगा l

सबसे पहले नगरीय क्षेत्र के सांडों की नसबंदी कराई जाएगी जिससे नगरीय क्षेत्रों में निराश्रित गो वंशीय पशुओं की संख्या कम की जा सके इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से इस अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा l

सरकार का उद्देश्य है कि गोवंश पशुओं का संरक्षण भी हो सके और उनसे होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकेl गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के द्वारा गो वंशीय पशुओं की हत्या पर रोक लगाए जाने के बाद गोवंश के पशुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह से किसानों की फसलें खराब हो रही हैं आए दिन खेतों में गोवंश पशु घुसकर किसानों की फसलें खराब कर रहे हैं जिसकी वजह से किसानों को रात दिन अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ती हैl

इस समस्या का निराकरण करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि लाखों की संख्या में घूमने वाले पशुओं को नियंत्रण में रखना आसान काम नहीं हैl सरकार ने इसके लिए कई स्थानों पर गोशाला है बनाई लेकिन भ्रष्टाचार और लापरवाही के चलते ज्यादातर गोशाला बेकार साबित हो रही हैं l

अब सरकार ने सांडों की नसबंदी करा कर इस समस्या के निराकरण करने का फैसला किया है सरकार का मानना है किसानों की नसबंदी होने के बाद तेजी से गोवंश पशुओं की संख्या में कमी आएगी पशुपालक और किसान आवश्यकतानुसार अपने दुधारू गोवंश की वृद्धि के लिए उच्च गुणवत्ता की बछिया का प्रजनन करवाने की सुविधा भी सरकारी पशु चिकित्सालय के सहयोग से हासिल कर सकेंगेl

द इंडियन ओपिनियन के लिए आदित्य कुमार की रिपोर्ट