दिल्ली दंगों में कोरोनावायरस को भूल ना जाना,अभी भी बना है खतरा!राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश!

आलोक मिश्रा-

एनपीपीए ने राज्यों से कोरोना वायरस के मद्देनजर जरूरी दवा सामग्री पर निगाह रखने को कहा

कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच औषधि मूल्य नियामक NPPA  ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को कहा है कि वे सभी दवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले चीन से आयातित कच्चे माल की उपलब्धता पर करीबी नजर रखें।

राज्यों के मुख्य सचिवों को संबोधित एक पत्र में, राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकार (एनपीपीए) की अध्यक्ष शुभ्रा सिंह ने राज्य अधिकारियों से इन वस्तुओं यानी कच्चेमाल की जमाखोरी को रोकने के लिए पूरी स्थिति पर करीबी नजर रखने को कहा है।
सिंह ने पत्र में कहा, ‘‘हालांकि, प्रमुख दवा उद्योग संघों ने सरकार को आश्वासन दिया है कि देश में दवाओं में इस्तेमाल होने वाली सक्रिय औषधिय सामग्री (एपीआई) / फार्मूलेशन यानी महत्वपूर्ण रसायनों का पर्याप्त भंडार है।’’ पत्र में कहा गया है, ‘‘हालांकि, चीन से आयात किये जाने वाले एपीआई/ मध्यवर्ती / केएसएम के संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों के एक उपाय के रूप में, यह अनुरोध किया जाता है कि राज्य सरकारें और केन्द्र शासित प्रदेश, एपीआई एवं उनके फार्मूलेशन के उत्पादन एवं उनकी उपलब्धता की करीबी निगरानी कर सकते हैं और कालाबाजारी एवं जमाखोरी को रोक सकते हैं।’’

एनपीपीए प्रमुख ने अधिकारियों को दवा मूल्य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ), 2013 के तहत प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है। भारत ‘एपीआई’ और ‘प्रमुख स्टार्टिग सामग्री’ (केएसएम) के आयात के लिए चीन पर बहुत हद तक निर्भर है, और ऐसी आशंका है कि ‘कोविद -19’ प्रकोप के मद्देनजर, चीन से आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप देश में दवाओं की कमी हो सकती है।

चीन में कोरोना वायरस बीमारी के कारण अब तक लगभग 2,750 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि पुष्टि किए गए मामलों की संख्या 78,500 हो गई है। दक्षिण कोरिया, जापान, ईरान, इटली और सिंगापुर सहित कई अन्य देशों में भी कोरोनो वायरस संक्रमण के मामले सामने आए हैं। ऐसे में भारत के सरकारी तंत्र को सतर्क रहने की जरूरत है और आम लोगों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है।

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