

विकास चन्द्र अग्रवाल-
आर ओ निर्माता कम्पनियों द्वारा फैलाया जा रहा भ्रमजाल….नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा इस दिशा में उठाये गए महत्वपूर्ण कदम*
हमारे शरीर में 60 से 70% पानी है यानि हमारे हर अंग और हड्डियों में पानी मौजूद है। पानी हमारे शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और हमें स्वस्थ बनाये रखता है। जब भी हम पीने योग्य जल की बात करते है तो पहला प्रश्न जो हमारे दिमाग में आना चाहिए वह है , ” _इस पानी का टी डी एस कितना है ? “_ आइये इस प्रश्न को समझने की कोशिश करते हैं –
*टीडीएस क्या है?*
पानी एक अच्छा साल्वेंट होता है और इसमें गन्दगी भी आसानी से घुल जाती है। शुद्ध पानी को यूनिवर्सल सॉलवेंट कहा जाता है। ऐसा पानी बेस्वाद, बेरंग और बिना किसी गंध का होता है।

TDS (Total Dissolved Solids) का मतलब होता है पूर्णत: घुले हुए ठोस पदार्थ। टीडीएस पानी में घुले हूए सभी कार्बनिक और अकार्बनिक ठोस पदार्थों का माप है।
पानी में अकार्बनिक पदार्थ जैसे कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम, सोडियम, क्लोराइड और सल्फेट्स आदि पाए जाते हैं और कुछ मात्रा में कार्बनिक पदार्थ भी होते हैं।
पानी में इन खनिजों की एक निश्चित मात्रा तक उपस्थिति स्वास्थ के लिए आवश्यक है। लेकिन एक स्तर से अधिक ये नुक़सानदायक हैं।
टीडीएस का उपयोग पानी की शुद्धता को जांचने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से पता लगाया जाता है कि पानी शुद्ध है या नहीं और पीने योग्य है या नहीं।
टीडीएस को एमजी प्रति इकाई मात्रा (मिलीग्राम/लीटर) की यूनिट्स में लिखा जाता है या इसे Parts Per Miillion (PPM) के रूप में भी व्यक्त किया जाता है।

पीने के पानी का टीडीएस कितना होना चाहिए?
टीडीएस पानी की शुद्धता जांचने का एक मापक होता है। अगर आप पानी की कठोरता का मापन करना चाहें तो टीडीएस मीटर उपकरण लाकर इसकी जांच कर सकते हैं। 900 ppm से अधिक पानी की टीडीएस वैल्यू को पीने योग्य नहीं माना जाता है ।
पानी का टीडीएस कम करने के लिए कार्बन फिल्टर और आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) जैसी प्योरिफाइंग तकनीकें काम में ली जाती हैं। आरओ यानी रिवर्स ओस्मोसिस कठोर पानी को नरम पानी में कन्वर्ट कर देता है और पानी में मौजूद टीडीएस समाप्त हो जाते हैं।
इस सम्बन्ध में WHO ने मानक तय किये हैं जिसके अनुसार 100 से 150 टीडीएस के पानी को पीने के लिए सही बताया गया है।
इसके अलावा ये भी ध्यान रखें कि 300 टीडीएस से कम लेवल वाला पानी स्वाद में सबसे अच्छा होता है और 900 टीडीएस से ज़्यादा वाला पानी स्वाद में ख़राब होता है।
जीरो टीडीएस को सही मानने की भूल ना करें क्योंकि पानी में कुछ खनिजों का मौजूद होना भी हमारे शरीर के लिए अत्यधिक जरुरी होता है।

इसलिए अपने घर में आरओ या यूवी सिस्टम लगवाने से पहले पानी के टीडीएस लेवल की जांच कर लें। पानी का टीडीएस सामान्य स्तर से ज़्यादा होने पर ही पानी साफ करने के ऐसे सिस्टम को लगवाएं। भारत में स्थानीय स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 500 TDS तक के पानी को भारतीयों की सेहत के लिए उपयुक्त बताया है और इससे कम वैल्यू पर आर ओ सिस्टम लगवाने से मना किया है ।
आर ओ संयत्र लगवाने का सबसे बड़ा नुकसान पानी की बर्बादी है । इस संयत्र में साफ पानी की रिकवरी मात्र 20% है । 80% पानी बेकार बहा दिया जाता है यद्यपि कि इसका उपयोग पेड़ पौधों में अथवा फ्लश में किया जा सकता है । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल इस रिकवरी प्रतिशत को भी बढ़वाने हेतु काफी गंभीर है ।
ऐसी कॉलोनियों में जहाँ जल आपूर्ति सरकारी विभाग द्वारा की जाती है पानी का TDS सामान्यतः निर्धारित सीमा में होता है व आर ओ संयत्र लगवाने की आवश्यकता नहीं होती है । ऐसी जगहों पर सामान्य वाटर फ़िल्टर भी पर्याप्त होता है।
उन आवासीय कॉलोनियों में जहाँ पानी भू गर्भ से निकाला जाता है वहाँ सामान्यतौर पर पानी का TDS 400 या उससे अधिक होता है। 1200 वैल्यू से अधिक TDS का पानी उपयोग हेतु मान्य नहीं है और बिना शोधित किये हुए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।
यहाँ यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि केवल TDS ही पानी की शुद्धता का मापक नहीं है। TDS सही होने के बावजूद कठोर पानी (Hard Water) हो सकता है। उसमें आर्सेनिक जैसी भारी धातुएँ हो सकती है, जो की पीने के लिए सुरक्षित नहीं है ।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गत माह 15 जनवरी को दिए गए निर्देशों में पर्यावरण मंत्रालय केंद्र सरकार को 2 माह की समय सीमा में इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी करने के आदेश दिए हैं ।
अधिक TDS वैल्यू का पानी न सिर्फ आपके स्वास्थ पर बुरा असर डालता है अपितु वाटर फ़िल्टर, वाशिंग मशीन, पानी के नल और पाइप, कपड़ों के रंग आदि पर भी प्रतिकूल असर डालता है ।
अपने द्वारा उपयोग किये जा रहे पानी की TDS वैल्यू जानें । TDS मीटर बुखार नापने वाले डिजिटल थर्मोमीटर की तरह का उपकरण है जिसे ऑनलाइन आसानी से बहुत कम मूल्य पर प्राप्त किया जा सकता है।
याद रक्खे- शुद्ध जल ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है ।