रिपोर्ट – शरद राज सिंह,
आज कोविड 19 के कारण देश जहां आथिक॔ संकट के दौर से जूझ रहा है।माच॔ से लाकडाउन के चलते विधालय बंद चल रहे है।द्सरी तरफ अभिभावक असमंजस मे है,बंद विधालयो मे फीस जमा करने को लेकर।
इस संबध मे द ईडियन ओपिनियन संवाददाता ने बाराबंकी के ज़िला विधालय निरीक्षक राजेश वर्मा से फीस को लेकर बातचीत की। राजेश वर्मा ने बताया कि शासनादेश के अनुसार जो लोग आयकरदाता है व सरकारी नौकरी करते है वह अपने बच्चों की फीस जाकर जमा करे। जिससे शैक्षिक कार्य मे लगे कर्मचारियो शिक्षको वेतन मिल सके और उनके परिवार का भरण पोषण हो सकें।
दूसरी तरफ यह भी बताया कि जो अभिभावक सामान्य वग॔ के है वह अपनी सुविधानुसार पैसा होने पर जमा कर सकते है। उन्होंने यह भी बताया कि फीस को लेकर किसी विद्यालय के द्वारा किसी भी विद्यार्थी का का नाम नही काटा जा सकता है। विधालय चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट।
यदि कोई विधालय किसी भी अभिभावक पर फीस को लेकर कोई दबाव डालता है, नाम काटता है तो वह ज़िला विधालय निरीक्षक कार्यालय को शिकायत कर सकते हैं ऐसी शिकायतों पर निष्पक्ष जांच की जाएगी और उचित कार्यवाही की जाएगी सरकार का प्रयास है कि कोई भी विद्यार्थी शिक्षा से वंचित ना हो और विद्यालय में कार्यरत शिक्षक और कर्मचारियों को भी उनकी जीविका चलाने के लिए न्यूनतम वेतन उपलब्ध होता रहे।