बढ़ते अपराध से यूपी बेहाल, बीडीसी की हत्या तोड़फोड़ आगजनी, पुलिस नेतृत्व और गृह विभाग करे आत्म चिंतन!

द इंडियन ओपिनियन ब्यूरो

बेहतर कानून व्यवस्था के वादे के साथ सत्ता में आई उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को इस विषय पर सोचना होगा कि आखिर क्यों पिछले कुछ महीनों से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं?

फिलहाल मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद का है जहां बीती रात एक बीडीसी सदस्य की गोली मारकर हत्या कर दी गई नाराज लोगों ने इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी भी की भारी पुलिस फोर्स को मौके पर तैनात कर के हालात को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।

जानकारों के मुताबिक अपराध के समाजशास्त्र को जब तक अनदेखा किया जाएगा अपराध के मनोवैज्ञानिक पहलू को जब तक समझा नहीं जाएगा तब तक सिर्फ गिरफ्तारी जेल भेजने और एनकाउंटर से अपराध नहीं रुकेगा।
उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी आबादी वाला प्रदेश है जहां होने वाली घटनाओं की चर्चा पूरे देश में होती है।

   आजमगढ़ में हत्या और आगजनी की खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया, क्षेत्र पंचायत सदस्य की चुनावी चर्चा में गोली मार कर हत्या की आशंका जताई जा रही है। बीडीसी सुरेंद्र यादव की हत्या के बाद आगजनी की गई, आरोपियों की 3 बाइके फूंकी गई, घटना के बाद निज़ामाबाद थाना के नेवादा में पुलिस फोर्स तैनात है।

ताबड़तोड़ हत्यायों से जिले में भारी आक्रोश है, एक हफ्ता पहले देवगावँ में पिता पुत्र की हुई  हत्या, उसके बाद तरवा इलाके में दलित प्रधान की हत्या, अब  निज़ामाबाद में  बीडीसी की हत्या, हम लोगों का मानना है कि अपराध रोकने में आज़मगढ़ पुलिस नाकाम हो रही है।

सिर्फ आजमगढ़ में ही नहीं उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों में विगत कुछ दिनों में गंभीर आपराधिक घटनाएं हुई हैं।

समाज में हिंसा की प्रवृत्ति क्यों बढ़ती जा रही है? यौन अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं? इस विषय पर समाजशास्त्री और मनोवैज्ञानिकों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बैठकर एक संयुक्त रणनीति बनानी चाहिए।

जिन इलाकों में भूमि विवाद और राजनीतिक वर्चस्व के चलते दो गुटों में या दो व्यक्तियों में पहले से तनाव है उन घटनाओं पर विशेष नजर रखने की जरूरत है। केवल सतही पुलिसिंग से अपराध नियंत्रण होना मुश्किल है घटनाओं के बाद की कार्यवाही से जेले तो भरी जा सकती हैं लेकिन अपराध रोकना है तो सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारणों को ध्यान में रखकर ठोस रणनीति बनानी होगी।

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