The Indian opinion
Lucknow
दीपक मिश्र “दीपेश”
बाबू सिंह कुशवाहा के प्रभाव से इंडिया गठबंधन को मज़बूती,जौनपुर से मैनपुरी तक हो रहीं कुशवाहा की सभाएं!
पूर्व मंत्री और दलितों पिछड़ों के बड़े नेता के रूप में दशकों से स्थापित बाबू सिंह कुशवाहा का इंडिया गठबंधन में आना उत्तर प्रदेश की सियासत में बदलाव का कारण बन रहा है.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बाबू सिंह कुशवाहा की संगठनात्मक क्षमता और पिछड़े वर्गों के साथ-साथ सभी गरीब मतदाताओं पर उनके प्रभाव को देखते हुए उन्हें जौनपुर जैसी महत्वपूर्ण लोकसभा सीट से जब चुनाव लड़ाने का फैसला किया तो राजनीतिक जानकारों को यह समझ में आ गया कि अखिलेश और कुशवाहा की यह पार्टनरशिप लंबी चलने वाली है और इंडिया गठबंधन को बड़ा लाभ पहुंचाने वाली है क्योंकि मौर्य कुशवाहा शाक्य सैनी समाज के मतदाता उत्तर प्रदेश में करोड़ों की संख्या में है और यह वोटर भावनात्मक रूप से बाबू सिंह कुशवाहा से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं.
इंडिया गठबंधन की ओर इस समाज का मतदाता बाबू सिंह कुशवाहा की वजह से तेजी से आकर्षित हो रहा है यदि बाबू सिंह कुशवाहा की सक्रियता इसी प्रकार बनी रही तो आने वाले दिनों उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव हो जाएगा.
माना जाता रहा है कि इस वर्ग के वोट परंपरागत रूप से भाजपा को मिलते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बाबू सिंह कुशवाहा ने मेहनत करके प्रदेश के सभी जनपदों में जन अधिकार पार्टी का एक बड़ा संगठन खड़ा कर दिया है जिसकी वजह से यह समाज भाजपा की राजनीतिक परिधि से बाहर निकलकर भी अपनी भविष्य के लिए सोच रहा है .
इंडिया गठबंधन में बाबू सिंह कुशवाहा के शामिल होने के बाद कुशवाहा शाक्य सैनी मौर्य समाज की उम्मीदें बढ़ी है और उन्हें अपने हित में कुशल नेतृत्व भी दिखाई पड़ रहा है.
विधानसभा चुनाव के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए थे और प्रदेश की डिप्टी सीएम केशव मौर्या भी चुनाव हार गए थे ऐसी स्थिति में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि दोनों नेताओं ने समाज के बीच में अपनी पकड़ काफ़ी हद तक खो दी है लेकिन बाबू सिंह कुशवाहा बिना व्यर्थ शोर मचाए संगठन में और समाज के लोगों के सुख-दुख में काम करते रहे हैं.
जौनपुर में बाबू सिंह कुशवाहा की दावेदारी को लेकर कुशवाहा मौर्य समाज में काफी उत्साह है वहीं प्रदेश के तमाम अन्य जिलों में भी कुशवाहा मौर्य समाज बाबू सिंह कुशवाहा की ओर देख रहा है यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी बाबू सिंह कुशवाहा की जनसभाएं अपने क्षेत्र में करवाना चाहते हैं . मैनपुरी में अखिलेश यादव की धर्मपत्नी डिंपल यादव को भारी मतों से जिताने के लिए बाबू सिंह कुशवाहा की टीम लगातार काम कर रही है और कुशवाहा मैनपुरी क्षेत्र के मतदाताओं के बीच कई बड़ी जनसभाएं कर चुके हैं.
साफ़ जाहिर है इस बार उत्तर प्रदेश का चुनाव भारतीय जनता पार्टी के लिए ना सिर्फ़ कठिनाइयां लेकर आया है बल्कि उसके परंपरागत वोट बैंक में बाबू सिंह कुशवाहा की सक्रियता से बड़ी चोट पहुंची है. समय रहते बाबू सिंह कुशवाहा के राजनीतिक प्रभाव का लाभ उठाकर इंडिया गठबंधन के नेताओं ने सियासी समझदारी का परिचय दिया है.