
भारतीय सेनाओं में महिलाओं की स्थिति पहले की अपेक्षा अब ज्यादा मजबूत हो रही है। भारतीय नेवी की दो महिला जांबाजो को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। नेवी के इतिहास में पहली बार दो महिला अधिकारियों, लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी तथा सब लेफ्टिनेंट प्रीति सिंह को फ्रंटलाइन वारशिप का हिस्सा बनाया गया है। इन दोनों महिला अधिकारियों को भारतीय नेवी के युद्धक पोतों पर आब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया है।

नेवी के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने बताया कि यह दोनों अधिकारी इतिहास में पहली बार आधिकारिक तौर पर किसी भी युद्ध की स्थिति में वॉरशिप में शामिल होने वाली महिलाएं होंगीं। इससे पहले, महिलाओं के प्रवेश को तयशुदा विंग विमान तक सीमित कर दिया गया था, जो दूर से उड़ान भरती थी।
कुमुदनी त्यागी और रीति सिंह उन 17 अफसरों की टीम का हिस्सा हैं जिन्हें वॉरशिप पर ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया है। इन 17 अफसरों में चार महिलाएं हैं और भारतीय तटरक्षक दल के तीन अधिकारी भी शामिल हैं।

इन अधिकारियों को नियुक्ति की जिम्मेदारी आईएनएस गरुड़ पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम में दी गई। इस समारोह की अध्यक्षता चीफ स्टाफ ऑफिसर (ट्रेनिंग) रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने की और अधिकारियों को पुरस्कार तथा प्रतिष्ठित विंग्स भी भेंट किए।
रियर एडमिरल एंटनी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है जिसमें पहली बार महिलाओं को हेलीकॉप्टर संचालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे भारतीय नौसेना के अग्रिम युद्धपोतों में महिलाओं की तैनाती का रास्ता साफ होगा। उन्होंनें यह भी कहा कि, 91वें नियमित पाठ्यक्रम और 22वें एसएससी ऑब्जर्वर कोर्स के अधिकारियों को हवाई नेविगेशन, उड़ान प्रक्रियाओं, हवाई युद्ध में नियोजित रणनीति, पनडुब्बी रोधी युद्ध और हवाई हवाई प्रणाली का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रियर एडमिरल नें यह भी कहा कि ये अधिकारी भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के समुद्री समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमानों की सेवा करेंगे।

●वायु सेना नें भी लिया ऐतिहासिक फैसला
भारतीय वायु सेना नें भी एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए फैसला किया है कि एक महिला लड़ाकू पायलट जल्द ही भारतीय वायु सेना के 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ में शामिल होगी। फ़्रांस से इसी महीनें पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत लाए गए थे जिसे फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया है। राफेल को हाल ही में अम्बाला एयर बेस में आधिकारिक रूप से वायु सेना की 17 स्क्वाडन ‘गोल्डन एरो’ में शामिल किया गया था।
●भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस नें पहली बार की महिला सैनिकों की तैनाती
आईटीबीपी ने पहली बार अपनी महिला डॉक्टर्स को लद्दाख में फॉरवर्ड लोकेशंस पर तैनात किया है। गौरतलब है कि सीमा पर तनाव को देखते हुए आईटीबीपी ने अपने नियमों में बदलाव किया है। इससे पहले तक महिला डॉक्टर्स की नियुक्ति फॉरवर्ड फ्रंट पर नहीं की जाती थीं। अब सीमाओं पर सैनिकों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी महिला डॉक्टरों के भी हाथ में होगी।
-आराधना शुक्ला