एशिया में दो आर्थिक महाशक्तियां हैं-एक चीन तथा दूसरा भारत। चीन जहाँ अपनी कुटिल कूटनीतियों के चलते न सिर्फ अपने पड़ोसी देशों अपितु दुनिया भर चर्चा का विषय बना रहता है वहीं भारत अपनी सॉफ्ट पॉवर के चलते दुनिया में अलग पहचान रखता है। अपनी इसी छवि की बदौलत भारत अपने पड़ोसी देशों में बल्कि दुनिया के तमाम देशों ख़ासा लोकप्रिय भी है। हाल ही में भारत नें अपने पड़ोसी देश मालदीव को एक बार फिर आर्थिक मदद की है।
कोरोना महामारी से पूरी दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही है और मालदीव भी इससे अछूता नहीं रहा है। मुख्य रूप से पर्यटन पर आश्रित इस देश को कोरोना नें बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया है। ऊपर से चीन नें अपनी जालसाजी में मालदीव को भी फंसाया हुआ है जिसके चलते उसनें मालदीव को अपने एक करोड़ डॉलर की किश्त अदायगी का नोटिस भी थमा दिया है। भारत की 25 करोड़ डॉलर की मदद से अब मालदीव चीन की क़िस्त भी चुका पाएगा।
●मालदीव के राष्ट्रपति नें भारत का जताया आभार
भारत की ओर से दी गई इस आर्थिक मदद का मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम मोहम्मद सोलिह नें आभार जताया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से भारत का आभार व्यक्त करते हुए लिखा; जब भी मालदीव को किसी मित्र की जरूरत पड़ी है भारत हमेशा इस अवसर पर पहुंचा है। 25 करोड़ डॉलर के आधिकारिक हैण्ड ओवर के लिए भारत के प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत के आम लोगों को मेरी ओर से ईमानदारी से धन्यवाद।
●प्रधानमंत्री मोदी नें मदद जारी रखनें का दिया आश्वासन
इब्राहीम मोहम्मद सोलिह के इस ट्वीट का उत्तर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें देते हुए लिखा; राष्ट्रपति सोलिह हम आपकी गर्मजोशी और भावनाओं की सराहना करते हैं । प्रधानमंत्री नें आगे लिखा- करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में भारत और मालदीव कोविड के स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक दूसरे का समर्थन करना जारी रखेंगें।
भारत ने आर्थिक सहायता का यह फैसला मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मुहम्मद सोलिह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर हुई वार्ता के बाद लिया। यह आर्थिक सहायता ट्रेजरी बॉन्ड के जरिये दी गई है, जो मालदीव को दस साल की अवधि में लौटानी होगी।
● मालदीव की मदद को भारत हमेशा तत्पर
कोरोनाकाल में भारत नें मालदीव की हर संभव मदद की है।
इसी क्रम में डॉक्टरों और विशेषज्ञों का एक विशेष दल कोविड-19 महामरी से निपटने के लिए इसी साल मार्च में मालदीव गया था और अप्रैल में 5.5 टन जरूरी दवाओं की खेप भी पहुंचाई गई थी। वहीं 6.2 टन दवाएं और 580 टन खाद्य पदार्थ मई में भारतीय वायु सेना द्वारा भेजा गया था।मालदीव सरकर के आग्रह पर भारत वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने हेतु अल्प अवधि के लिये अनुबंध के आधार पर नियुक्त किये गये डॉक्टरों और नर्सों को भेजेगा।
-आराधना शुक्ला