*योगी सरकार के मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने लागू कर दिखाया “करप्शन फ्री ट्रांसफर सिस्टम” पेश की ईमानदारी और पारदर्शिता की मिसाल। The Indian opinion*

58 पदोन्नत खण्ड विकास अधिकारियों को दी मनचाही तैनाती

58 अपर सांख्यिकीय अधिकारियों की खण्ड विकास अधिकारी पद पर हुई पदोन्नति

उधर प्रदेश सरकार के ग्राम विकास मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने जब से अपना पोर्टफोलियो संभाला है तब से लगातार ग्राम विकास विभाग की छवि सुधारने की कोशिश में जुटे हैं।

सरकारी विभागों में योजनाओं की कमीशन खोरी के अलावा सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के आरोप ट्रांसफर पोस्टिंग में लगते हैं ,इतना ही नहीं ट्रांसफर पोस्टिंग में आर्थिक भ्रष्टाचार के साथ साथ भेदभाव जातिवाद और सिफारिश के भी आरोप लगते हैं लेकिन ग्रामीण विकास मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह इस समस्या को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए अधिकारियों को करप्शन फ्री ट्रांसफर सिस्टम बनाने के निर्देश दिए थे।

मंत्री की अगुवाई में वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर आधारित कर्मचारियों और अधिकारियों की वरिष्ठता के क्रम में भ्रष्टाचार रहित पारदर्शी स्थानांतरण प्रणाली विकसित की जिसके तहत पिछले वर्ष भी स्थानांतरण किए गए थे और इस वर्ष भी 58 प्रोन्नत खंड विकास अधिकारियों के स्थानांतरण किए गए ।

इतना ही नहीं ग्राम विकास विभाग की इस पहल को प्रदेश की मुख्यमंत्री ने भी प्रशंसनीय बताया है ग्रामीण विकास मंत्री के सूचना अधिकारी डॉ मनोज कुमार ने बताया की ग्राम्य विकास विभाग द्वारा ‘‘ट्रांसपैरेंट पोस्टिंग मीट’’ के माध्यम से ज्येष्ठता के आधार पर 58 अपर सांख्यिकीय अधिकारियों को खण्ड विकास अधिकारी पद पर प्रोन्नत करते हुए उनके चुनिन्दा जनपद में तैनाती के आदेश निर्गत किये गए।

ग्राम्य विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने शनिवार को ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सभागार में 58 प्रोन्नत खण्ड विकास अधिकारियों का मनचाहे जनपदों में तैनाती दी। शनिवार को प्रादेशिक विकास सेवा संवर्ग में पदोन्नत कोटे के अंतर्गत खंड विकास अधिकारी के पद पर अर्थ एवं संख्या प्रभाग, नियोजन विभाग के अपर सांख्यकीय अधिकारियों को 10 प्रतिशत कोटे के अंतर्गत रिक्त 58 पदों पर पदोन्नति की कार्यवाही की गई है।

इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा अभिनव प्रयोग करते मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के पारदर्शी नीति के अनुरूप पिछले वर्ष पोर्टल के माध्यम से तबादला किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार ग्राम्य विकास विभाग ने ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत अधिकारियों का स्थानान्तरण शुरू किया था, इसके बाद से सरकार ने इसे नज़ीर बनाते हुए प्रदेश के अन्य विभागों को भी इसी प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण करने हेतु आदेश निर्गत कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से तैनाती मिलने पर अधिकारियों और कर्मचारियों को किसी के सिफारिश की जरूरत नहीं होगी और न ही किसी अधिकारी पर किसी प्रकार का आरोप लगेगा। उन्होंने कहा कि इस माध्यम से स्थानांतरित होने पर अधिकारी अपना स्वमूल्यांकन करते हुए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से कार्य करेंगे। इससे विभाग में सकारात्मक कार्यप्रणाली का वातावरण भी बना रहेगा।

उन्होंने प्रोन्नत खण्ड विकास अधिकारियों से कहा की तकनीक का प्रयोग कर गांव के विकास में अपना योगदान दें तथा सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को पारदर्शी तरीके से गांव के अंतिम व्यक्ति तक प्रमुखता से पहुंचायें तभी गांव का विकास होगा और लोग उन्नति करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब, बेसहारा और किसानों के लिये लगातार कल्याणकारी योजनाएं बना रही है। योजनाओं को इन लोगों तक पहुंचाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी का अच्छी तरह निर्वहन करिए। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि ग्राम्य विकास को देश में प्रथम स्थान पर रखिये।

उन्होंने बताया कि पदोन्नत खण्ड विकास अधिकारियों की तैनाती प्रक्रिया में उनके ज्येष्ठता क्रम के आधार पर जनपद के चयन का विकल्प दिया गया। पदोन्नत अधिकारियों के चयनित विकल्प के अनुसार तैनाती का आदेश निर्गत किया गया। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के सामने स्क्रीन पर रिक्त जनपदों को प्रदर्शित कर ज्येष्ठता के आधार पर विकल्प चुनने का अवसर दिया गया। अधिकारियों द्वारा दिये गये विकल्प वाले जनपद में ही तैनाती दी गई है। यह सिस्टम पूरी तरह से पारदर्शी है।

श्री सिंह ने बताया कि इस तरह की प्रक्रिया से भ्रष्टाचार समाप्त होगा तथा अधिकारियों को सिफारिश के लिए किसी के सामने नतमस्तक नहीं होना पड़ेगा। प्रोन्नत अधिकारियों को नियुक्ति एवं तैनाती पत्र उपलब्ध करा दिया गया है। इन अधिकारियों को मनरेगा, एनआरएलएम, पीएम आवास योजना ग्रामीण इत्यादि ग्राम्य विकास की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए एक दिन का प्रशिक्षण भी दिया गया।

रिपोर्ट – देवव्रत शर्मा