रिटायरमेंट को लेकर, कार्मिक मंत्रालय ने जारी किया सर्कुलर।

रिपोर्ट – सरदार परमजीत सिंह,

      केन्द्रीय सरकार के निर्देश के क्रम में कार्मिक मंत्रालय ने 28/08/2020 को एक सर्कुलर जारी करते हुए उस नियम का हवाला दिया जिसमें लोकहित में सरकार किसी कर्मचारी को समय से पहले रिटायर कर सकती है। रिटायर करने का आधार अक्षमता  और भ्रष्ट आचरण को बनाया है।सर्कुलर में उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के काम की समीक्षा करने का निर्देश दिया है जो 30 साल से ज्यादा सरकारी सेवा में काम कर चुके हैं इसके अतिरिक्त उन सरकारी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की भी समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है जिनकी उम्र 55 वर्ष या उससे अधिक है।

    इस सरकार में यह साफ तौर से कहा गया है कि केंद्र सरकार की मूल नियमावली 56 (जे)(1) और केंद्रीय लोकसेवा पेंशन नियमावली(सीसीएस पेंशन रूल्स)1972 के नियम 48 के तहत सरकार को समय-समय पर ऐसे व्यक्तियों को रिटायर करने का अधिकार प्राप्त है जो ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं।इस सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार का मकसद प्रशासनिक अमले को चुस्त-दुरुस्त बनाना है जिससे सरकारी कामकाज में कुशलता और तेजी बनाए रखी जा सके।
         लोकसभा में दिए गए एक प्रश्न के जवाब में कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जीतेंद्र सिंह ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि इन नियमों के तहत जुलाई 2014 से जनवरी 2020 तक ग्रुप ‘ए’ के 163 और ग्रुप ‘बी’ के 157 ऐसे कर्मचारियों को तय सीमा से पहले रिटायर किया गया।इन नियमों के अनुसार रिटायर होने वाले कर्मचारियों को 3 महीने का नोटिस या 3 महीने का वेतन देने का प्रावधान है।वैसे इन कर्मचारियों को पेंशन की सुविधा मिलती रहेगी।

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