जानिए कैसे होगी बेटियां स्वावलंबी, बता रहे हैं जिला प्रोबेशन अधिकारी

रिपोर्ट – सरदार परमजीत सिंह,

बाराबंकी। बच्ची के जन्म को प्रोत्साहित करना, कन्या भ्रूण हत्या को रोकना, लिंगानुपात को गति देंने व बालिका का टीकाकरण कराकर उसके स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करना और अलग अलग चरणों में इंटरमीडिएट की शिक्षा तक स्वास्थ्य और शिक्षा संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीते वर्ष प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के अंतर्गत लाभ मिलने के लिए विभागाध्यक्षों ने लक्ष्य को मिशन की तरह पूरा करने का काम किया है।

       बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्लोगन के तहत संचालित उक्त योजना समान लौंगिक अनुपात स्थापित करने, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने व बालिका को स्वावलंबी बनाने में सहायता प्रदान कर रहा है।बेटियों के जन्म से स्नातक होने तक छह चरणों में दिया जाना है 15 हजार रुपये।सरकार ने 25 अक्टूबर 2019 को कन्या सुमंगला योजना लागू किया था। योजना में लाभार्थियों को बेटी के जन्म लेने से लेकर उसके स्नातक पास होने तक सरकार प्रोत्साहन स्वरूप छह चरणों में कुल 15 हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान है। जनपद में अगस्त 2020 तक कुल 11604 ऑनलाइन आवेदन हुए, जिसमें विभाग द्वारा 6464 आवेदनों को स्वीकृत किया गया। जबकि 4134 कन्याओं के आवेदन निरस्त किए गए। वर्तमान में लंबित आवेदनों की संख्या 1006 बताई गई,वहीं विभागीय डाटा के मुताबिक कुल निस्तारित आवेदनों की संख्या 10598 है।पात्रता व आवश्यक अभिलेख कन्या सुमंगला योजना का लाभ लेने वाला परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए, लाभार्थी की पारिवारिक आय 3 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए, आवेदक के पास बैंक पासबुक, आधार कार्ड, परिवार की वार्षिक आय के सम्बंध में स्व-सत्यापन, निर्धारित प्रारूप पर शपथ पत्र, बालिका का नवीनतम फोटो सहित आवेदक व बालिका का नवीनतम संयुक्त फोटो के साथ साथ लाभ लेने वाले माता पिता की दो से अधिक बेटियां नहीं होनी चाहिए। यदि किसी महिला को पहले प्रसव में बेटी व दूसरे प्रसव में दो जुड़वा बेटियां जन्म लेती हैं तो उस अवस्था में तीनों बेटियों को योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो और जैविक संतान को सम्मिलित करते हुए, सिर्फ दो बालिकाओं को ही योजना का लाभ मिलेगा।
              जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल कुमार मौर्य द्वारा बताया गया कि ऑनलाइन आवेदन हेतु, आवेदन पत्र विभागीय पोर्टल से तथा ऑफलाइन आवेदन हेतु जिला प्रोबेशन कार्यालय से प्राप्त कर जरूरी दस्तावेजों को संलग्न कर उसी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। लाभार्थी को देय धनराशि पीएफएमएस के माध्यम से उसके बैंक खाते में हस्तातंरित करने का प्राविधान है।

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