

रिपोर्ट – दीपेश
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद ने पूरे विश्वास के साथ यह दावा किया है कि अगले 2 हफ्ते में वह देश के बाजारों में कोरोनावायरस की प्रमाणित दवा उपलब्ध करा देंगे।

पतंजलि आयुर्वेद के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पिछले 4 महीनों से पतंजलि आयुर्वेद के शीर्ष वैज्ञानिकों की टीम 24 घंटे कोविड-19 की आयुर्वेदिक काट ढूंढने में लगी हुई थी इसके लिए डेढ़ सौ से ज्यादा जड़ी बूटियों के पंद्रह सौ से भी अधिक घटक कई बार अलग-अलग परिस्थितियों में जांचें गए हैं।

इस दवा का पशुओं पर भी परीक्षण किया गया है और कोरोना संक्रमित मरीजों पर भी इसके परिणाम सही पाए गए हैं। अंतिम दौर में कुछ क्लीनिकल परीक्षण किए जा रहे हैं जो कि अगले 1 सप्ताह में पूरे हो जाएंगे इसके बाद अगले 2 सप्ताह में यह दवा बाजार में उपलब्ध करा दी जाएगी।

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक यह दवा कोरोनावायरस के मरीजों को 1 हफ्ते से लेकर 15 दिन के अंदर स्वस्थ कर देगी। ज्यादा गंभीर मरीजों में कुछ समय और लग सकता है लेकिन इसका असर प्रमाणित है।
इसमें श्यामा तुलसी गिलोय अश्वगंधा समेत लगभग एक दर्जन दुर्लभ आयुर्वेदिक औषधियों का समावेश है जो एक तरफ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में तेजी से वृद्धि करेंगे और दूसरी तरफ कोरोना के संक्रमण से शरीर के भीतरी अंगों की सुरक्षा करेंगे।

आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जब से दुनिया में इस बीमारी की चर्चा शुरू हुई तभी से पतंजलि आयुर्वेद की टीम इस को लेकर गंभीर हो गई 4 महीने पहले ही हमारे वैज्ञानिकों की टीम ने इस पर सुनियोजित शोध कार्यक्रम शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में ही कोरोनावायरस के इस शक्तिशाली कोविड-19 संस्करण को खत्म करने का उपाय है उनके मुताबिक प्राचीन सनातन संस्कृति का वरदान, हमारे वेद में सैकड़ों गंभीर बीमारियों पर पहले से ही शोध और परीक्षण मौजूद हैं बस उन्हें वर्तमान परिस्थितियों में बीमारी के नए लक्षणों आवश्यकताओं और जड़ी बूटियों की उपलब्धता के हिसाब से सुविधाजनक आवश्यक खुराक के रूप में जनता को उपलब्ध कराने की चुनौती है जिसको लेकर पतंजलि समूह पूरी गंभीरता से काम कर रहा है।

योग गुरु बाबा रामदेव पहले ही यह कह चुके हैं की प्रतिदिन 30 मिनट सुबह 30 मिनट शाम प्राचीन योग प्राणायाम का अनुसरण करके शरीर की स्वसन तंत्र और प्रतिरोध की क्षमता को इतना मजबूत किया जा सकता है कि कोरोनावायरस के संक्रमण से व्यक्ति को कोई असर नहीं होगा इसके साथ ही उन्होंने गिलोय और श्वासारि जैसी औषधियां भी प्रयोग करने की सलाह दी थी।

पूरी दुनिया के बड़े बड़े वैज्ञानिक और चिकित्सक इस बात पर सहमत हैं कि जिन लोगों की प्रतिरोधी क्षमता पहले से बेहतर होगी उन्हें कोरोनावायरस का कोई खतरा नहीं है ऐसी स्थिति में एक बार फिर सनातन धर्म का वरदान आयुर्वेद और योग, दुनिया की रक्षा के लिए सामने आया है।