स्वदेशी वैक्सीनों की बढ़ी मांग- कई एशियाई देशों ने किया आपूर्ति का अनुरोध।

कोरोना महामारी से निपटने के लिये दुनिया के सभी देशों को इसकी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को लेकर कई देश भारत को उम्मीद भरी नज़रों से देख रहे हैं। भारत वैक्सीन के उत्पादन और आपूर्ति के लिए पूरी तरह तैयार है। ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भारत से वैक्सीन की आधिकारिक तौर पर मांग की है।

सूत्रों का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के वितरण में भारत सरकार बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को तवज्जो देगी। इस सम्बन्ध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव कहते हैं कि भारत शुरू से ही COVID-19 महामारी के खिलाफ आम लड़ाई में वैश्विक प्रतिक्रिया में सबसे आगे रहा है। हम इस दिशा में सहयोग करने को अपने कर्तव्य के तौर लेते हैं।

वहीं कोरोना वैक्सीन के लिए चल रही चर्चा के बीच, पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत की भूमिका को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत में दो वैक्सीन (कोविशील्ड-कोवैक्सीन) के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी जा चुकी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले भारत बाहर से पीपीई किट, मास्क, वेंटिलेटर और टेस्टिंग किट आयात करता था, लेकिन आज हमारा राष्ट्र आत्मनिर्भर है। बता दें कि कई देशों ने भारत से अनुरोध किया है कि वे गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (G2G) के आधार पर या सीधे वैक्सीन डेवलपर्स के साथ करार करने के आदेश दें, जो भारत में वैक्सीन का निर्माण कर रहे हैं।

खबरों के मुताबिक, नेपाल ने भारत से 12 मिलियन कोरोना वैक्सीन की डोज की मांग की है। वहीं, भूटान ने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) में निर्मित की जा रही वैक्सीन की 1 मिलियन डोज की मांग की है। म्यांमार ने भी सीरम इंस्टीटूट के साथ एक खरीद अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। उधर, बांग्लादेश ने कोविशील्ड की 30 मिलियन डोज के लिए अनुरोध किया है।

सिर्फ एशियाई देश ही नहीं बल्कि और कई अन्य देशों ने भी भारत से कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर संपर्क साधा है। ऐसे में आने वाले समेत में भारत वैक्सीन का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है।

रिपोर्ट- विकास चन्द्र अग्रवाल

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