BJP विधायकों के विरोध के बाद योगी जी को यह स्वीकार करना चाहिए कि सरकार जन आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही,जब अपने विधायक ही संतुष्ट नहीं कर पा रही BJP तो जनता का क्या! The Indian opinion

जनता ने भारतीय जनता पार्टी को केंद्र और उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत क्या दे दिया भाजपा में कार्यकर्ता से लेकर विधायक परेशान हैं क्योंकि पार्टी और सरकार के ताकतवर लोग उनकी सुनवाई नहीं कर रहेl दबी जुबान में कार्यकर्ता कहते हैं कि उनकी थानों और तहसीलों में सुनवाई नहीं होती वह अपने समर्थकों और अपना भी काम नहीं करवा पाते, वही विधायकों को भी यह शिकायत है कि जिलों में बैठे अधिकारी उनकी सुनते नहीं है, शासन के अफसर भी उन्हें “भाव” नहीं देते ..यही दर्द सांसदों को है अपनी सरकार में वह अपने लोगों के काम नहीं करवा पाते हैंl हालांकि यह बातें खुलकर कहना उनके लिए आसान नहींl

लेकिन उत्तर प्रदेश में लखनऊ की विधानसभा में जिस तरह से भाजपा के विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खुलकर असंतोष जाहिर किया 100 से ज्यादा विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया ,कम से कम उसके बाद तो उत्तर प्रदेश की सरकार को नैतिक रूप से यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि वह ‘जन आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही’ क्योंकि जब उनकी पार्टी के ही चुने हुए जनप्रतिनिधि जिनके दम पर उन्होंने बहुमत की सरकार बनाई है वह असंतुष्ट हैं तो उन जनप्रतिनिधियों के अधीन उनके क्षेत्र की जनता के संतुष्ट होने का तो प्रश्न ही नहीं उठताl

लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों को सर्वोच्चता इसलिए दी गई है क्योंकि वह जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं यह माना जाता है कि विधायक और सांसद अपने क्षेत्र के लाखों लोगों की आकांक्षाओं उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं को उनके प्रतिनिधि के रूप में सरकार के सामने रखते हैं और उसका समाधान करवाते हैं , लेकिन यहां तो ज्यादातर “विधायक जी खुद ही बेहाल हैं” और इस कदर बेबस हैं कि उन्हें अपनी ही सरकार के खिलाफ विधानसभा में विरोध प्रदर्शन करना पड़ता है l

यह कोई मामूली घटना नहीं है या उत्तर प्रदेश की राजनीति की ऐतिहासिक घटना है, जहां बहुमत की सरकार जमीनी हकीकत की ओर देख ही नहीं पा रही!

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इमानदारी की अक्सर प्रशंसा होती है लेकिन ईमानदारी के साथ व्यक्तित्व में संवेदनशीलता भी जरूरी हैl ईमानदार होना सख्त प्रशासक होना अच्छे गुण हैं, लेकिन विनम्र संवेदनशील लोक सेवक के दायित्व का निर्वहन भी आवश्यक हैl

योगी जी की सरकार का लगभग आधे से ज्यादा कार्यकाल बीता जा रहा है ऐसे में यह आवश्यक है कि बचे हुए कार्यकाल में सरकार बेहद होशियारी के साथ जन आकांक्षाओं पर खरे उतरने का प्रयास करेl
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी शिक्षा व्यवस्था का ढांचा अभी भी “बे पटरी” हैl पिछले 20 सालों में बंद हुई तमाम चीनी मिलें और सहकारी और निजी क्षेत्र की दर्जनों फैक्ट्रियां प्रदेश में बढ़ती हुई बेरोजगारी की कहानी कह रही हैं ,ज़रूरत इस बात की है कि सरकार में शामिल नेतृत्व से लेकर सरकार के सभी अंग जनसेवा लोकसेवा के धर्म को संवेदनशीलता के साथ स्वीकार करते हुए लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों के सम्मान की सुरक्षा करते हुए जनता को उनके आसपास उनके ब्लॉक तहसील और जिला मुख्यालयों पर ही विकास के वह सभी अवसर उपलब्ध कराने के लिए गंभीरता से काम करें जो एक सामर्थ्यवान प्रदेश और देश की जनता के लिए आवश्यक हैl